यहाँ कोरोना संक्रमण की रफ्तार में आई कमी और वैक्सीनेशन में आई तेजी

Atul Saxena
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इंदौर, स्पेशल डेस्क रिपोर्ट। इंदौर में जून (June) का महीना शुरुआत से ही राहत भरा रहा है। जून के पहले वीक में इंदौर में जहां कोरोना संक्रमण (Coroana Infection) की रफ्तार पर लगाम लगी है वहीं दूसरी ओर लोगों में वैक्सीनेशन (Vaccination) को लेकर संशय भी कम होता जा रहा है और इसी का परिणाम है इंदौर कोविड वैक्सीनेशन के आंकड़ों ने रफ्तार पकड़ रहा है।

दरअसल, कोरोना से मचे हाहाकार के बीच धीरे धीरे प्रदेश की आर्थिक राजधानी में जिंदगी एक बार पटरी पर लौटने लगी इस बात की तस्दीक वो सरकारी आंकड़े कर रहे हैं जिन पर अक्सर सवाल उठाए जाते रहे हैं। दरअसल, इंदौर में स्वास्थ्य विभाग द्वारा पिछले 24 घण्टे के जो आंकड़े सामने रखे गए हैं उसके मुताबिक एक दिन में 179 नए कोरोना संक्रमित मिले हैं वहीं  2 लोगों की मौत के बाद कोरोना से अब तक जान गंवाने वालों की संख्या 1360 तक जा पहुंची है। इधर, शहर में 288 लोगो ने कोरोना को मात दी है तो वर्तमान में अलग अलग अस्पतालों, होम आइसोलेशन और कोविड केयर सेंटर के माध्यम से 1206 मरीजों का इलाज जारी है। कोविड -19 के जिला नोडल अधिकारी डॉ. अमित मालाकार ने बताया कि इंदौर में हालात सुधरे हैं लेकिन लोगों को कोविड नियमों का पालन करना अभी भी जरूरी है।

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जहाँ इंदौर में संक्रमण की रफ्तार कम हुई वहीँ दूसरी और वैक्सीनेशन के कार्य मे भी तेजी आई है। बता दें कि एक बड़ी आबादी वैक्सीनेशन को लेकर भय और संशय में पड़ी थी लेकिन अब लोगों में जागरूकता आ रही है लिहाजा एक ही दिन के 73541 लोगों का वैक्सीनेशन भी हुआ है जिनमें  61 हजार से ज्यादा युवा शामिल हैं , जो 18 से 44 वर्ष के बीच के आयु वर्ग का प्रतिनिधित्व करता है। वही 9 हजार ऐसे लोग है जो 45 वर्ष की उम्र पार कर चुके है। फिलहाल, इंदौर में अनलॉक के प्रतिबंधो के बावजूद एक बार फिर से चहल पहल दिखना शुरू हो गई है जो एक अच्छे संकेत है हालांकि इस बीच लोगो को कोविड – 19 की तीसरी संभावित लहर की भी चिंता लिहाजा, बड़ी संख्या में लोग कोविड नियमों का पालन भी करते दिखाई दे रहे हैं।

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पत्रकारिता मेरे लिए एक मिशन है, हालाँकि आज की पत्रकारिता ना ब्रह्माण्ड के पहले पत्रकार देवर्षि नारद वाली है और ना ही गणेश शंकर विद्यार्थी वाली, फिर भी मेरा ऐसा मानना है कि यदि खबर को सिर्फ खबर ही रहने दिया जाये तो ये ही सही अर्थों में पत्रकारिता है और मैं इसी मिशन पर पिछले तीन दशकों से ज्यादा समय से लगा हुआ हूँ....पत्रकारिता के इस भौतिकवादी युग में मेरे जीवन में कई उतार चढ़ाव आये, बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ा लेकिन इसके बाद भी ना मैं डरा और ना ही अपने रास्ते से हटा ....पत्रकारिता मेरे जीवन का वो हिस्सा है जिसमें सच्ची और सही ख़बरें मेरी पहचान हैं ....

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