Indore News: हॉस्पिटल का एलीवेशन सड़क पर गिरा, बड़ा हादसा टला

Atul Saxena
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इंदौर, आकाश धोलपुरे। इंदौर में सोमवार रात को एक बड़ा हादसा टल गया नहीं तो कई लोगों की जान आफत में पड़ जाती। दरअसल, इंदौर के मल्हारगंज थाना क्षेत्र में स्थित एक हॉस्पिटल की तीसरी मंजिल से हॉस्पिटल की पहचान के लिए लगाया गया। एल्युमिनियम और शीशे का बड़ा भारी एलिवेशन अचानक भरभरा कर गिर पड़ा। जिसके बाद मौके पर भीड़ जमा हो गई और यातायात बाधित हो गया। वहीं एलिवेशन बोर्ड के गिरने के चलते कोई जनहानि तो नही हुई लेकिन एलिवेशन बोर्ड गिरने से कई गाड़िया उसके नीचे दब गई।

ये पूरा मामला इन्दौर के अंतिम चौराहे का है जहां सोमवार रात को उस समय अफरा तफरी मच गई जब वहां स्थित मेट्रो अस्पताल का एलिवेशन यकायक गिर गया। गनीमत ये रही कि हादसे में किसी को भी चोट नहीं आई लेकिन सड़क पर नीचे खड़े कई दोपहिया वाहन दब गए। बताया जा रहा है कि एलिवेशन के गिरने से कोई जनहानि तो नहीं हुई लेकिन बाहर खड़ी 5 से 6 गाड़ियां जरूर दब गई। इस हादसे के बाद सड़क पर कांच ही कांच बिखर गए और एल्युमिनियम की शीट ने रास्ता जाम कर दिया।

Indore News: हॉस्पिटल का एलीवेशन सड़क पर गिरा, बड़ा हादसा टला

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इधर, हादसे की सूचना मिलते ही मौके पर पुलिस व प्रशासन की टीम पहुंच गई। हादसे की जांच करने वाले अधिकारियों की माने तो किस वजह से ये हादसा हुआ उसकी जांच की जाएगी और यदि अस्पताल प्रबंधन की लापरवाही पाई गई तो उस पर कार्रवाई होगी। वही घटना के प्रत्यक्षदर्शी खेमराज यादव की माने तो एलिवेशन के बड़े बोर्ड के कांच पहले टूटे और उसके बाद अचानक पूरा हिस्सा सड़क पर जा गिरा जिसके नीचे कई गाड़ियां दब गई।

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हालांकि हादसे के बाद अस्पताल के एलीवेशन को रोड से हटा लिया गया वहीं गनीमत ये रही कि हादसे में किसी को भी चोट नहीं आई। माना ये जा रहा है कि अगर ये घटना दिन के समय होती तो बड़ा हादसा हो सकता था जो टल गया है।

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पत्रकारिता मेरे लिए एक मिशन है, हालाँकि आज की पत्रकारिता ना ब्रह्माण्ड के पहले पत्रकार देवर्षि नारद वाली है और ना ही गणेश शंकर विद्यार्थी वाली, फिर भी मेरा ऐसा मानना है कि यदि खबर को सिर्फ खबर ही रहने दिया जाये तो ये ही सही अर्थों में पत्रकारिता है और मैं इसी मिशन पर पिछले तीन दशकों से ज्यादा समय से लगा हुआ हूँ....पत्रकारिता के इस भौतिकवादी युग में मेरे जीवन में कई उतार चढ़ाव आये, बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ा लेकिन इसके बाद भी ना मैं डरा और ना ही अपने रास्ते से हटा ....पत्रकारिता मेरे जीवन का वो हिस्सा है जिसमें सच्ची और सही ख़बरें मेरी पहचान हैं ....

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