भ्रष्टाचार के खिलाफ मेयर का एक्शन, कलेक्टर को दिए कार्रवाई के निर्देश, CM से की लोकायुक्त या EOW जांच की मांग, लिखा पत्र

यह मामला वेस्ट मैनेजमेंट एजेंसियों के अनुबंध की अवधि बढ़ाने और बिना अधिकार क्षेत्र और मंजूरी के ठेकेदार के पास बकाया रॉयल्टी की बड़ी राशि वसूलने का है।

Manisha Kumari Pandey
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Indore News:  मेयर पुष्यमित्र भार्गव ने इंदौर स्मार्ट सिटी डेवलपमेंट लिमिटेड द्वारा जारी निविदा की कार्य अवधि के विस्तार में कई गई अवैध गतिविधियों और कदाचार के खिलाफ सख्त कदम उठाया है। मामला वेस्ट मैनेजमेंट एजेंसियों के अनुबंध की अवधि बढ़ाने और बिना अधिकार क्षेत्र और मंजूरी के ठेकेदार के पास बकाया रॉयल्टी की बड़ी राशि वसूलने का है। इस मामले में महापौर ने न सिर्फ कलेक्टर को कार्रवाई के निर्देश दिए बल्कि मुख्यमंत्री मोहन यादव को भी पत्र लिखा है।

अधिकारियों ने किया शक्तियों का गलत इस्तेमाल- मेयर

मेयर ने पत्र में आईएससीडीआई के कुछ पूर्व अधिकारियों द्वारा आधिकारिक पदों में निहित शक्तियों का दुरुपयोग करने की बात कही। साथ ही एक निविदा के नवीनीकरण और इसकी अन्य परिणामी कार्यवाहियों में गंभीर अवैधता की जानकारी दी है।

क्या है मामला?

दरअसल, पूर्व निगमायुक्त प्रतिभा पाल और स्मार्ट सिटी के अफसरों के द्वारा वेस्ट मैनेजमेंट एजेंसी को लाभ पहुंचाने के लिए नियमों को धता बताते हुए एजेंसी का अनुबंध सात वर्षों के लिए बढ़ा दिया। जबकि एजेंसी का मूल अनुबंध पूरा होने में 3 वर्ष से अधिक समय बाकी था। मूल अनुबंध की शर्तों पर ही एजेंसी को कोविड-19 अवधि के 22 महीने के साथ 7 साल यानि करीब  9 सालों तक काम करने का ठेका दे दिया गया। जबकि एजेंसी द्वारा नगर निगम को देय रॉयल्टी की राशि करोड़ो रुपये बकाया थी। निगम की बकाया राशि को अनदेखा करते हुए बिना पारंपरिक समीक्षा  स्मार्ट सिटी के अधिकारियों ने एजेंसी को फायदा पहुंचाया।

सीएम से की लोकायुक्त या EOW जांच की मांग

महापौर भार्गव ने लिखा, “नगर निगम पर लगातार आरोप न केवल राज्य सरकार की प्रतिष्ठा को धूमिल कर रहे हैं बल्कि आईएमसी, इसके समर्पित कर्मचारियों और सार्वजनिक प्रतिनिधियों की ईमानदारी पर भी सवाल उठा रहे हैं।” आगे लिखा, “धोखाधड़ी और धोखाधड़ी से प्रेरित उनके गंभीर कार्यों से राज्य के खजाने को बड़ा मुक्सान हुआ है।” मेयर ने सीएम यादव से इस मामले में संज्ञान लेने का अनुरोध किया है। साथ की EOW या लोकायुक्त को इस केस का गहन करने का निर्देश देने की मांग की। इसके अलावा नगर निगम से संबंधित अन्य घोटालों की जांच में भी तेजी लाने की मांग की।


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