इंदौर में आदर्श श्रमिक सहकारी गृह निर्माण संस्था के फर्जीवाड़े का जांच में खुलासा

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इंदौर, डेस्क रिपोर्ट। इंदौर कलेक्टर मनीष सिंह द्वारा गृह निर्माण संस्थाओं में हुए फर्जीवाड़े और भूमाफियाओं के खिलाफ जारी अभियान के तहत  कार्रवाई की जा रही है, इसी अभियान के तहत इंदौर कलेक्टर मनीष सिंह को शिकायत मिली थे कि आदर्श श्रमिक गृह निर्माण संघर्ष समिति के ईश्वर पोरवाल ने आरोप लगाया था है कि  अशोक डागा ने सदस्यों के हितों की जमीन हड़प ली और अन्य रसूखदारों ने भी बची जमीनें अपनी फर्मों के नाम करवा ली और 100 से अधिक सदस्य सालों से भूखंड हासिल करने के लिए परेशान हो रहे हैं। वहीं 162 नए सदस्य भी बना डाले।

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इस मामलें के सामने आने के बाद कलेक्टर ने जांच के आदेश दिए थे जिसमें आदर्श श्रमिक संस्था के मामले में भी सहकारी निरीक्षक एचएस तिवारी ने 7 पेज का विस्तृत जांच प्रतिवेदन तैयार कर उपायुक्त को सौंपा है, जिसमें कई शिकायतों को सही पाया गया, जिसमें सीलिंग से विमुक्त जमीन, जिसका मास्टर प्लान में भू-उपयोग सिटी उद्यान्न, वाणिज्यिक सामान्य व मार्ग था, उसे भी विक्रय कर दिया गया। इसे साथ ही नवीन सदस्यों को भूखंड देना भी त्रुटिपूर्ण पाया गया।आदर्श श्रमिक गृह निर्माण के फर्जीवाड़े में यह भी सामने आया कि संस्था ने जमीन जिस बिल्डर यानी सुयश कंस्ट्रक्शन कम्पनी को बेची उसका और संस्था का पता एक ही है। संस्था ने अपना पता 8, आरएनटी मार्ग, 401, सिल्वर मॉल, इंदौर बताया। वहीं 3.15 एकड़ जमीन संस्था ने 43.50 लाख में जिस सुयश कंस्ट्रक्शन एंड डवलपर्स को बेची उसका भी पता 401, सिल्वर मॉल, 8, आरएनटी मार्ग है। एक ही पते के साथ संस्था उपाध्यक्ष और कम्पनी
डायरेक्टर भी एक ही व्यक्ति जो कि नियम विरूद्ध है।

जांच के बाद कई चौकानें वाली बातें सामने आई, जिसमें पाया गया था कि मास्टर प्लान में निर्धारित सिटी उद्यान्न और सीलिंग से विमुक्त जमीन भी बेच डाली। जांच के बाद सहकारी निरीक्षक ने तत्कालीन संचालक मंडल द्वारा नियमों का पालन ना करने के साथ दोषी संचालकों के खिलाफ कार्रवाई की अनुशंसा भी की है।

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मामला सामने आने के बाद  सहकारिता विभाग ने पाया कि गड़बड़ी की गई है और इस गड़बड़ी के चलते मजदूरों के नाम खरीदी संस्था की जमीन के अवैध विक्रय के कारण धारा 53बी के तहत कार्रवाई करते हुए पांच संचालकों को पद से हटाते हुए 6 साल के लिए अयोग्य भी घोषित कर दिया था।  जिसके चलते पिछले दिनों सहकारिता विभाग ने श्रीराम कचोलिया, राजेश जगदीशचंद्र, कुमारी पल्लवी, दिनेश झंवर, श्रीमती संगीता और संजय बलदेवा तथा गौरव काकाणी को संचालक मंडल से हटा दिया। संस्था के एक सदस्य ईश्वरचंद्र पोरवाल द्वारा लम्बे समय से संस्था में हुए घोटालों की मय प्रमाण शिकायतें की जाती रही है।


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Harpreet Kaur

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