प्रवासी भारतीय सम्मेलन में बोले पीएम मोदी ‘इंदौर स्वच्छता के साथ स्वाद की भी राजधानी’

PM Modi In Pravasi Bharatiya Divas : प्रधानमंंत्री नरेंद्र मोदी आज इंदौर में प्रवासी भारतीय सम्मेलन को संबोधित करते हुए उन्होने कहा कि इंदौर स्वच्छता के साथ साथ स्वाद की राजधानी भी है। इंदौर में 8 जनवरी से प्रारंभ हुए इस तीन दिवसीय सम्मेलन में 70 देशों से 3500 से अधिक प्रवासी भारतीय शामिल हो रहे हैं। गुयाना के राष्ट्रपति मोहम्मद इरफान अली और सूरीनाम के राष्ट्रपति चंद्रिका प्रसाद संतोखी भी इंदौर पहुंच चुके हैं। उन्होने कहा कि ये प्रवासी भारतीय सम्मेलन मध्यप्रदेश की उस धरती पर हो रहा है जिसे देश का ह्रदय क्षेत्र कहा जाता है।

प्रधानमंत्री ने इंदौर को बताया ‘स्वाद की राजधानी’

17वें प्रवासी भारतीय सम्मेलन का आज दूसरा दिन है और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी यहां शिरकत कर रहे हैं। ब्रिलियंट कन्वेंशन सेंटर के ग्रैंड हॉल में उनके पहुंचने पर जनसमूह ने हर्ष भरे स्वर में उनका स्वागत किया। मोदी-मोदी के नारों से सभागार गूंज उठा। यहां संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने इंदौर की प्रशंसा करते हुए कहा कि ये शहर सिर्फ स्वच्छता की ही नहीं, स्वाद की भी राजधानी है। उन्होने कहा कि ‘साबूदाने की खिचड़ी, कचौरी,  समोसे, शिकंजी..जिसने भी इसे देखा उसके मुंह का पानी नहीं रूका। और जिसने इन्हें चखा उसने कहीं और मुड़कर नहीं देखा। इसी तरह छप्पन दुकान तो प्रसिद्ध है ही, सराफा भी महत्वपूर्ण है। यही वजह है कि कुछ लोग इंदौर को स्वच्छता के साथ साथ स्वाद की राजधानी भी कहते हैं।’

‘इंदौर शहर नहीं एक दौर है’

पीएम मोदी ने कहा कि ‘मध्य प्रदेश में मां नर्मदा का जल, यहां के जंगल, आदिवासी परंपरा, यहां का अध्यात्म..ऐसा कितना कुछ है जो आपकी इस यात्रा को अविस्मरणीय बनाएगा। हाल ही में उज्जैन में भगवान महाकाल के महालोक का भी भव्य और दिव्य विस्तार हुआ है। मैं आशा करता हूं कि आप सब वहां जाकर भगवान महाकाल का आशीर्वाद लेंगे। हम सभी अभी जिस शहर में है वो भी अपने आप में अद्भुत है। लोग कहते हैं कि इंदौर एक शहर है लेकिन मैं कहता हूं इंदौर एक दौर है। ये वो दौर है जो समय से आगे चलता है फिर भी विरासत  को समेटे रहता है। इंदौर ने स्वच्छता के क्षेत्र में एक अलग पहचान साबित की है। खाने पीने के लिए अपन का इंदौर देश ही नहीं, पूरी दुनिया में लाजवाब है। इंदौरी नमकीन का स्वाद, यहां पर जो पोहे का पैशन है उसकी कोई तुलना नहीं।’

वसुधैव कुटुम्बकम का दर्शन

नए साल की मंगलकामनाएं देते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि करीब 4 वर्षों के बाद प्रवासी भारतीय सम्मेलन एक बार फिर अपने मूल स्वरूप में अपने पूरी भव्यता के साथ हो रहा है। अपनों के साथ आमने-सामने की मुलाकात का, आमने-सामने की बात का अपना अलग आनंद भी होता है और उसका महत्व भी होता है। उन्होने कहा कि मैं आप सभी का 130 करोड़ भारतवासियों की ओर से अभिनंदन-स्वागत करता हूं। पीएम मोदी ने कहा कि ‘स्वदेशों भुवनत्रयम। हमारे लिए पूरा संसार ही हमारा स्वदेश है। मनुष्य मात्र ही हमारा बंधु बांधव है। इसी वैचारिक बुनियाद पर हमारे पूर्वजों ने भारत के सांस्कृतिक विस्तार को आकार दिया था। हम दुनिया के अलग अलग कोने में गए। हमने सभ्यताओं के समागम के अन्यतम महत्व को समझा। हमने सदियों पहले वैश्विक व्यापार की असाधारण परंपरा शुरू की थी। हम असीम लगने वाले समंदरों के पार गए, अलग अलग देशों अलग अलग सभ्यताओं के बीच व्यावसायिक संबंध कैसे साझा समृद्धि के रास्ते खोल सकते हैं भारत ने और भारतीयों ने करके दिखाया।’

 

 

 

 


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श्रुति कुशवाहा

श्रुति कुशवाहा

2001 में माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता विश्वविद्यालय भोपाल से पत्रकारिता में स्नातकोत्तर (M.J, Masters of Journalism)। 2001 से 2013 तक ईटीवी हैदराबाद, सहारा न्यूज दिल्ली-भोपाल, लाइव इंडिया मुंबई में कार्य अनुभव। साहित्य पठन-पाठन में विशेष रूचि।

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