Indore Ragging News : इंदौर के महात्मा गांधी मेमोरियल मेडिकल कॉलेज में हुई ब्लाइंड रैगिंग के पर्दाफाश का पहला मामला सामने आया है। इस मामले को लेकर पुलिस ने अपने अंदाज में खुफिया टीम बनाकर वेश बदलकर सीनियर डॉक्टर्स के बारे में जानकारी जुटाई। ऐसे में पुलिस की टीम को करीब 5 महीनों की मशक्कत करनी पड़ी। इसमें पुलिस का साथ किसी ने नहीं दिया। लेकिन उसके बाद भी मशक्कत सफल हुई। बताया जा रहा है कि पुलिस ने 9 सीनियर स्टूडेंट्स को गिरफ्तार किया है।
हालांकि अभी एक स्टूडेंट फरार है लेकिन बाकी सब गिरफ्त में है। जानकारी के मुताबिक संयोगितागंज थाना क्षेत्र के मेडिकल कॉलेज का है। यहां 24 जुलाई के दिन पुलिस को यह सूचना मिली थी कि कॉलेज में रैगिंग होती है। इतना ही नहीं कुछ स्टूडेंट्स ने गोपनीयता के साथ यूजीसी से रैगिंग की शिकायत भी की थी। जिसके बाद यूजीसी ने मैनेजमेंट को चिट्ठी भेजी। जिसके बाद डीन ने इंदौर पुलिस को शिकायत फॉरवर्ड कर FIR करा दी। जानकारी के मुताबिक, पुलिस का साथ देने के लिए इंदौर के कॉलेज से लेकर UGC और वॉट्सएप के अमेरिका हेड ऑफिस तक ने मदद से मना कर दिया।
जिसकी वजह से पुलिस का काफी वक्त ख़राब हुआ लेकिन सफलता मिलेगी। पुलिस ने आरोपियों को पकड़ने के लिए अलग तरकीब निकाल कर इन स्टूडेंट्स को गिरफ्तार किया है। पुलिस को 800 स्टूडेंट्स की लंबी लिस्ट मिली थी। ऐसे में पीड़ितों को ट्रैक करना मुश्किल था। लेकिन मशक्कत के बाद ये सब संभव हो पाया। दरअसल, पुलिस ने कुछ फ्रेशर्स स्टूडेंट्स से दोस्ती की। ऐसे में बातों बातों में उन्होंने सब कुछ निकलवा लिया। तभी सरे आरोपितों की जानकारी सामने आ पाई। कुछ सीनियर स्टूडेंट्स को जब इस बात की भनक लगी तो वह छुट्टी लेकर फरार हो गए थे लेकिन पुलिस के हाथे चढ़ ही गए।