इंदौर/आकाश धोलपुरे
प्रेमचंद गुड्डू (premchand guddu) की नाराजगी पर सियासी घमासान जारी है। अब बीजेपी महासचिव कैलाश विजयवर्गीय (kailash vijayvargiya) ने उन्हें लेकर बड़ा बयान दिया है। विजयवर्गीय ने कहा कि पार्टी में गुड्डू को अपेक्षा के अनुरूप सम्मान, गुड्डू की अपेक्षा भी ज्यादा थी और उनकी कुछ उपेक्षा भी हुई लेकिन उन्हें धैर्य रखना चाहिए था। कैलाश विजयवर्गीय ने कहा कि राजनीति (politics) में कुछ कह नहीं सकते, कभी कभी ऐसा हो जाता है लेकिन अगर प्रेमचंद गुड्डू थोड़ा धैर्य रखते तो उनका नुकसान नहीं होता।
राजनीति क्या होती है शायद इस शब्द की कल्पना करने वाले ने भी ये नही सोचा होगा क्योंकि ये एक मात्र ऐसा शब्द है जो राजनेताओं से लेकर घर की चारदिवारी तक गूंजता रहता है, लेकिन इसके मायने वाकई अजब है। इन्ही मायनों में से एक है उपेक्षा जिसका सीधा मतलब होता है कद्र नहीं होना या करना और अपेक्षा जिसका सीधा अर्थ है आशा रखना जिसका फलीभूत न होना और इन्हीं शब्दों के मायनों के बीच राजनीति का रूप भी किसी मोगली के सामने शेर खान और किसी शेर खान के सामने मोगली जैसा है। इसी की एक बानगी इंदौर में देखने को मिल रही है यहां कहने और सुनने के तो कोरोना का कहर जारी है लेकिन इस बीच सियासतदान अपनी जमीन तलाशते भी नजर आ रहे है। दरअसल, इंदौर में कोरोना संकट के बीच राजनीति ने ऐसा दौर ला दिया है मानो यहां उपचुनाव हो ही रहे हो। ये ही वजह है कि यहां कभी प्रेमचंद गुड्डू (premchand guddu) अपनी सियासी जमीन को ढूंढने के लिए जमकर बयानबाजी कर रहे है तो कही मंत्री तुलसी सिलावट (tulsi silawat) कोविड-19 की गाइडलाइन को धता बताकर सांवेर विधानसभा में दिख रहे है। असल मे राजनीति होती ही ऐसी है जहां अपेक्षा और उपेक्षा का खेल कभी खत्म नही होता है और इसी का ताजा उदाहरण उस समय सामने देखने को मिला जब खुद बीजेपी के राष्ट्रीय महासचिव और जमीनी राजनीति के लिए जाने, जाने वाले कैलाश विजयवर्गीय (kailashh vijayvargiya) का बयान सामने आया। उन्होंने इंदौर में कोरोना संकट के बीच जारी सियासी घमासान पर बड़ा बयान देकर साफ किया कि बीजेपी में प्रेमचंद गुड्डू को अपेक्षा के अनुरूप सम्मान नही मिला और गुड्डू की अपेक्षा भी ज्यादा थी और उनकी उपेक्षा भी हुई क्योंकि राजनीति में कुछ कह नही सकते कभी- कभी ऐसा हो जाता है। वही उन्होंने प्रेमचंद गुड्डू को एक सीख भी दे डाली की अगर वो धैर्य रखते तो उनका नुकसान नहीं होता है। इंदौर में विजयवर्गीय के बयान के सामने आने के बाद ये तो साफ हो गया है कि बीजेपी उपचुनाव के एपी सेंटर सांवेर को हल्के में नही ले रही है।
बता दें कि इंदौर की सांवेर विधानसभा सीट को लेकर प्रदेश में राजनीति गर्माई हुई है। दरअसल, पहले सिलावट ने सांवेर के कद्दावर कांग्रेसियों को बीजेपी में शामिल करवाया जिसके बाद पूर्व सांसद प्रेमचंद गुड्डू ने मीडिया के सामने आकर न सिर्फ सिलावट बल्कि सिंधिया पर भी जुबानी हमला बोल दिया था। यहां तक कि उन्होंने सिंधिया घराने के इतिहास पर कई सवाल खड़े कर दिए थे। उन्होंने सिंधिया परिवार और ज्योतिरादित्य सिंधिया को सामंती बताते हुए मंत्री सिलावट को ज्योतिरदित्य सिंधिया का चापलूस करार दिया। बीजेपी ने गुड्डू के मुंह खोलने के बाद इंदौर बीजेपी जिला अध्यक्ष राजेश सोनकर को गुड्डू के सामने उतार दिया। इसके बाद सोनकर ने बीजेपी नेताओं पर की गई टिप्पणी के मामले में अनुशासनात्मक कार्रवाई का हवाला देकर प्रेमचंद गुड्डू को कारण बताओ नोटिस जारी कर दिया। इसके बाद प्रेमचंद गुड्डू ने एक प्रेस नोट जारी कर कहा कि वो तो फरवरी में ही बीजेपी छोड़ चुके हैं फिर बीजेपी के द्वारा भेजे गए नोटिस का कोई ही औचित्य नही है। इसी मामले में अब कैलाश विजयवर्गीय ने कहा है कि गुड्डू की कुछ उपेक्षा तो हुई थी लेकिन उन्हें थोड़ा धैर्य रखना था।