इंदौर/आकाश धोलपुरे
प्रदेश के जल संसाधन मंत्री तुलसी सिलावट ने भले ही मंगलवार रात को ट्वीट कर ये जानकारी दी हो कि उन्होंने प्रदेश के सीएम के कहे अनुसार कोविड टेस्ट कराया था और वो कोविड पॉजिटिव निकले है। जिसके बाद अब उनका इलाज चल रहा है। लेकिन इससे पहले वो कोरोना को लेकर कितने लापरवाह थे, ये बानगी हम आपको दिखाने जा रहे हैं।
हम आपको बताने जा रहे है वो हकीकत जिससे ये साफ हो जाएगा कि मंत्री जी उपचुनाव की लड़ाई में खुद को इतना झोंक चुके थे कि उन्हें न तो कोरोना का कोई भय था और ना ही लोगो के संक्रमित हो जाने की परवाह। बीते शुक्रवार को साँवेर के एक गांव में उन्होने बाकायदा अपनी चौपाल लगाई थी और उस कार्यक्रम को उन्होंने लोगो के लिये विकास कार्य की गति को थमने नही देने जैसी बात से ढंक दिया था। इस दौरान जब मीडिया ने उनसे कोरोना के खतरे पर सवाल किया था तब अचानक उन्होंने मीडिया के सामने मास्क पहना और फिर ये बताने लगे कि वो सभी कोविड नियमो का पालन पूरी तरह से कर रहे हैं और करवा भी रहे हैं। हालांकि इसी दौरान उन्होंने एक ऐसी बात कह डाली जिसे वो आज सुनेंगे तो खुद भी हैरान रह जाएंगे। वीडियो में आपको समझ आ जायेगा मंत्री तुलसी सिलावट कोरोना को लेकर कितने बेहरवाह थे और मीडिया के सवाल पर उन्होंने कहा था कि उनके पास डर नाम की कोई चीज नहीं है, भय नाम की कोई चीज नही है।
तुलसी सिलावट ने ये भी कहा था कि जो व्यक्ति कांग्रेस छोड़, विधायक पद छोड़ और मंत्री पद छोड़ सकता है वो डरता है क्या ? बाद में मीडिया के सवालों की बौछार पर मंत्री सिलावट ने कहा था कि पीएम और सीएम के संदेश का पालन हर ग्रामीण कर रहा है और सोशल डिस्टेंसिंग का पालन भी हो रहा है, अवेयरनेस ही है और अब बोलना मत।
शुक्रवार को मंत्री सिलावट ने मीडिया के सामने ये बात कही थी और कल रात को वो खुद ही पॉजिटिव हो गए। हम तो मंत्री सिलावट के जल्द स्वस्थ होने की कामना करते है लेकिन अब सवाल ये उठ रहा है कि उपचुनाव की अंधी दौड़ में क्या प्रदेश के जनप्रतिनिधि खुद की जान भी और लोगो की जान भी जोखिम में डालते रहेंगे। इस समय राजनीति नही बल्कि कोरोना से बचाव और सुरक्षा जरूरी है लिहाजा, उम्मीद की जानी चाहिए कि समूचे प्रदेश में उपचुनाव की आंधी में दोनों ही दल के नेता इस बात को न भूले कि कोरोना संकट टला नही है ऐसे में लोगो से मिले जरूर लेकिन खुद और उनकी जान की परवाह भी करे।