इंदौर. आकाश धोलपुरे। मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) में कोरोना (corona) की संभावित तीसरी लहर को लेकर सरकार तमाम तैयारियां कर रही है। इन्ही तैयारियों के बीच एक बड़ी बात ये सामने आई है कि अब प्रदेश में किसी भी व्यक्ति को कोरोना के कौन से वेरियंट ने नुकसान पहुंचाया है इसका पता भी जल्द ही चल जाएगा। इंदौर के एमजीएम मेडिकल कालेज में जिनोम सिक्वेंसिंग की नई प्रयोगशाला बनने जा रही है, यदि सबकुछ ठीक रहा तो कोरोना की तीसरी संभावित लहर के पहले ही इंदौर में ये प्रयोगशाला शुरू हो जाएगी।
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दरअसल, अब तक प्रदेश के सिलेक्टेड सैम्पल की जिनोम सिक्वेंसिंग (genome sequencing) के लिए सैम्पल देश की राजधानी दिल्ली (Delhi) भेजे जाते थे। और वहां से जांच रिपोर्ट आने में तकरीबन एक से डेढ़ माह का वक्त लग जाता था लेकिन अब इंदौर (Indore) के एमजीएम कॉलेज में जिनोम सिक्वेसनसिंग के जरिये कोरोना के वैरिएंट्स का पता चल जाएगा। इंदौर के एमजीएम मेडिकल कालेज में जिनोम सिक्वेंसिंग की नई प्रयोगशाला बनने जा रही है जिसके लिए टेंडर निकाल कर कार्य शुरू किया जाएगा। यदि सबकुछ ठीक रहा तो कोरोना की तीसरी संभावित लहर के पहले ही इंदौर में ये प्रयोगशाला शुरू हो जाएगी।