दरअसल, इंदौर की जवाहर टेकरी पर POP से निर्मित गणेश प्रतिमाओं के विसर्जन मामले का वीडियो वायरल होने के बाद आखिरकार 15 साल बाद निगम प्रशासन कुंभकर्णी नींद से जागा है।वायरल वीडियो में लोगो की आस्था के साथ खिलवाड़ करने वाले 7 मस्टरकर्मियों, 2 जिम्मेदार सुपरवाइजर की सेवा समाप्त कर एफआईआर भी दर्ज कराई है। वही निगम के झोनल अधिकारी का निलंबन (Supspension) भी किया गया है।इंदौर में वर्षो से आस्था पर इसी तरह से निगमकर्मियों द्वारा खिलवाड़ किया जा रहा है।
वही लापरवाही का आलम ये है कि हर वर्ष निगम के कर्मचारी इसी तरह से लापरवाही करते आ रहे है लेकिन सोशल पर वायरल वीडियो और कांग्रेस द्वारा आस्था पर कुठाराघात को लेकर जताए जा रहे विरोध का ही असर है कि खुद नगर निगम प्रशासन (Indore Commissioner Pratibha Pal) को अपने ही कर्मचारियों और अधिकारियों पर एफआईआर तक दर्ज कराने पर मजबूर होना पड़ा है।
ये है पूरा मामला
जवाहर टेकरी पर झोंन 13, 15 और 16 के माध्यम से गणेश प्रतिमाएं एकत्रित कर उनके विसर्जन की व्यवस्था की गई थी। जहां शहर वासियों ने मिट्टी के गणेश तो पर्यावरण हितैषी कुंड में विसर्जित कर दिए गए थे लेकिन पीओपी की प्रतिमाएं ट्रकों में भरकर जवाहर टेकरी ले जाकर विसर्जित होना थी और जब विसर्जन की तस्वीरें सामने आई तो हर कोई हैरान रह गया क्योंकि निगम प्रशासन ने पूरे विधि विधान के साथ गणपति विसर्जन का वादा लोगो से किया था लेकिन मौके पर बप्पा के विसर्जन के बजाय उनकी प्रतिमाओं को बुरी तरह से फेंककर नष्ट किया जा रहा था।
इसका वीडियो वायरल होने के बाद निगम प्रशासन हरकत में आया। जिसके झोंन क्रमांक 13 के झोनल अधिकारी ब्रजमोहन भगोरिया का निलंबन किया गया। वही विसर्जन मामले से सीधे जुड़े सुपरवाइजर चंद्रशेखर यादव और अविनाश वानखेडे, कार्यक्रम अधिकारी शैलेष पाटौदी की भी सेवा समाप्ति के आदेश जारी कर दिए गए। निगम की कार्रवाई में 7 मस्टरकर्मियों सहित कुल 10 लोगो पर गाज गिरी है।
9 कर्मचारियों पर गिरी गाज
निगमायुक्त प्रतिभा पाल ने बताया कि नगर निगम ने 2 सुपर वाइजर सहित कुल 9 कर्मचारियों के खिलाफ चंदननगर थाने में एफआईआर भी दर्ज कराई है। आस्था को जिस ढंग से अपमानित नगर निगम कर्मचारियों द्वारा किया गया है उससे ये साफ हो रहा है निगम कर्मचारियों (Indore municipal employees) और अधिकारियों के सीने में दिल नही है। बता दे कि वीडियो सामने आने पर कांग्रेस ने सरकार औरनगर निगम पर कई सवाल उठाए थे वहीं सांसद शंकर लालवानी ने कलेक्टर और नगर निगम कमिश्नर को दोषी कर्मचारियों खिलाफ सख्ती से कार्रवाई करने की बात की थी।
पहले भी आ चुके है ऐसे मामले
हालांकि, बता दे कि ये पहला मौका नही है जब इस तरह से गणेश विसर्जन किया गया इसके पहले भी ऐसा होता आया है लेकिन निगम प्रशासन की नींद अब खुली है। वही जेहन में वो तस्वीरे भी सामने आ रही है जिसने देश के सबसे स्वच्छ शहर के वृद्धजनों को ट्रक में भरकर बाहर जाने के लिए एक तरह से फेंका गया था हालांकि, निगम आयुक्त प्रतिभा पाल उस मामले को ताजा मामले से जोड़ने से बचती नजर आ रही है।