MPIDC New Strategy: कोविड के बाद हुए दो बड़े इन्वेस्टर्स समिटों के बाद, अब रणनीति के तहत मध्यप्रदेश इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट कॉरपोरेशन (एमपीआईडीसी) ने निवेशकों के लिए और जगह प्रदान करने के लिए जमीन की खोज शुरू की है। पिछले दो समिटों में आए निवेशों के बाद, इस नई पहल का मुख्य उद्देश्य है की समिटों में आने वाले निवेशकों को और ज्यादा जगह उपलब्ध कराई जा सके।
रणनीति के अनुसार जमीन की खोज शुरू:
दरअसल इसको लेकर एमपीआईडीसी के कार्यकारी संचालक राजेश राठौर ने बताया कि उनकी नई रणनीति के अनुसार, इंदौर और उज्जैन संभाग में जमीन की खोज शुरू की गई है। समिटों में आने वाले निवेशकों को और बेहतर सुविधाएं प्रदान करने के लिए, उन्होंने यह निर्णय लिया है कि और जगह उपलब्ध की जाए।
इंदौर और उज्जैन संभागों में जमीन की आवश्यकता:
जानकारी के अनुसार एमपीआईडीसी के पास इंदौर, उज्जैन संभाग में 6911 हेक्टेयर जमीन अभी उपलब्ध है, लेकिन इसके अलावा और 9845.55 हेक्टेयर जमीन की आवश्यकता लग रही है। जानकारी के मुताबिक यह जमीन भी सरकारी है और इसे एमपीआईडीसी को हैंडओवर करना है।
रीजनल समिट से बढ़ी डिमांड:
आपको बता दें की उज्जैन में हाल ही में हुई रीजनल इन्वेस्टर्स समिट के बाद, एमपीआईडीसी को जमीन की अधिग्रहण के लिए बड़ा प्रस्तावित इकॉनामिक कॉरिडोर और आउटर रिंग रोड का प्रस्ताव भी आया है। राजेश राठौर के मुताबिक, रीजनल समिट में आने वाले निवेशकों ने जमीन की डिमांड की है, और उज्जैन संभाग में जमीन की अधिग्रहण को लेकर इसमें बड़ी सफलता मिली है।
वहीं इसी कड़ी में इंदौर में एमपीआईडीसी का प्रस्तावित इकॉनामिक कॉरिडोर और एनएचएआई-आईडीए के आउटर रिंग रोड का प्रस्ताव भी आया है। लेकिन इसको लेकर अभी भी किसानों का जमीन अधिग्रहण विरोध जारी है। जिसके चलते कॉरपोरेशन के अधिकारी का कहना है कि ‘कम से कम निवेशकों को किसी तरह की परेशानी न आए, इसलिए समय रहते जमीनों की जरूरत पूरी कर ली जाएगी।’