आखिर विधायक ने क्यूं दी सरकार को जल सत्याग्रह की चेतावनी?

Amit Sengar
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जबलपुर, डेस्क रिपोर्ट। मध्यप्रदेश में शिवराज सरकार किसान, मजदूर,आदिवासियों की हितैषी मानी जाती है मगर ऐसा नहीं है यह कहना है बरगी (Bargi) विधानसभा के विधायक संजय यादव का जिन्होंने सरकार पर सवाल या निशान खड़े किया है! हाल ही में उन्होंने सदन में प्रश्न उठाया कि आदिवासी क्षेत्रों में गरीबों, मजदूरों, किसानों को सिंचाई के लिए सरकार कोई भी साधन देगी या नहीं? क्योंकि विगत कई दिनों से बरगी विधानसभा के बड़ादेव उदवहन सिंचाई परियोजना की स्वीकृति के लिए किसान, मजदूर, आदिवासी भाई बहन आन्दोलनरत हैं।

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आपको बता दें कि कांग्रेस विधायक संजय यादव ने सदन में नर्मदा घाटी मंत्री से सवाल किया सवाल में पूछा कि आप यह बताये की मुख्यमंत्री ने मेरा पत्र स्वीकार किया या नहीं? संजय यादव ने मंत्री जी की मंशा पर भी सवाल खड़ा किया और कहा की मुझे तो लग रहा है कि या तो अधिकारी मुख्यमंत्री की बात नहीं मान रहे हैं या अधिकारियों को अब तक इस बात की जानकारी नहीं है? यह क्षेत्र आदिवासी बहुल है,यहाँ यह आदिवासी विस्थापित होकर आए हैं और यह इलाका पहाडी क्षेत्र में आता है वहां पर सिर्फ उद्धहन सिंचाई योजना हो सकती है पंप से उन्हें किसी भी प्रकार का कोई लाभ नहीं मिल सकता अगर इन आदिवासियों को पंप से लाभ मिल जाता तो वह बेचारे गरीब आपसे क्यों पानी मांगते, क्यों आंदोलन करते हैं, संजय यादव ने यह भी बताया कि सरकार की मंशा सिर्फ कागजों तक सीमित रहती है ये सिर्फ झूठी बातें करते है इन्होंने रकबा बढ़ाया जबकि हुआ ही नही है, इन्होंने साफ इंकार कर दिया कि ये गांव सूखे नही है, इनको पानी की जरूरत भी नही है, तो मेरा सवाल है की फिर ये बेचारे किसान आदिवासी भाई बहन 15 दिनों से क्यूँ आंदोलन कर रहे हैं? सरकार के जवाब से सरकार की मंशा स्पष्ट हो चुकी है की वे आदिवासियों को समृद्ध होते देखना नही चाहती, आखिर में संजय यादव ने बताया कि उनकी लड़ाई यहाँ नहीं रुकेगी क्योंकि सरकार ने उनको उचित जवाब नहीं दिया है अब वे आगे हक के लिए जल सत्याग्रह करेंगे।


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मुझे अपने आप पर गर्व है कि में एक पत्रकार हूँ। क्योंकि पत्रकार होना अपने आप में कलाकार, चिंतक, लेखक या जन-हित में काम करने वाले वकील जैसा होता है। पत्रकार कोई कारोबारी, व्यापारी या राजनेता नहीं होता है वह व्यापक जनता की भलाई के सरोकारों से संचालित होता है।वहीं हेनरी ल्यूस ने कहा है कि “मैं जर्नलिस्ट बना ताकि दुनिया के दिल के अधिक करीब रहूं।”

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