जबलपुर, संदीप कुमार। नेताजी सुभाष चंद्र बोस मेडिकल कॉलेज (Netaji Subhash Chandra Bose Medical College) में अध्यनरत पीजी छात्र के सुसाइड (Suicide) मामले में पुलिस (Police) की जाँच में बड़ा खुलासा हुआ है। गढ़ा पुलिस ने डॉक्टर भगवंत देवांगन (Dr. Bhagwant Dewangan) को प्रताड़ित करने के मामले में 5 सीनियर डॉक्टरों (Senior Doctors) के खिलाफ एफआईआर (FIR) दर्ज की है।
1 अक्टूबर को हॉस्टल में की थी आत्महत्या
मूलतः छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) के जांजगीर चांपा जिले (Janjgir Champa district) के रहने वाले डॉक्टर भगवंत देवांगन ने पुणे से MBBS करने के बाद पीजी अर्थो करने के लिए जबलपुर के नेता जी मेडिकल कॉलेज में एडमिशन लिया, बताया जा रहा है कि डॉक्टर भगवंत देवांगन को सेकंड ईयर के 5 डॉक्टर (Doctors) लगातार प्रताड़ित (Tortured) करते थे कई बार तो सीनियर डॉक्टरों ने उनकी फाइल (File) तक फाड़ दी इसके चलते वह मानसिक (Mental रूप से परेशान(Frustated) हो गए थे। अपनी सीनियर डॉक्टरों से परेशान होकर आखिरकार 1 अक्टूबर को डॉक्टर भगवंत देवांगन ने हॉस्टल के कमरे में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली।
पुलिस ने धारा 306-34 के तहत मामला किया दर्ज…..
जबलपुर पुलिस (Jabalpur Police) की जांच में यह भी सामने आया है कि पीजी सेकंड ईयर (PG Second Year) के छात्र डॉक्टर विकास द्विवेदी, डॉक्टर सलमान,डॉक्टर अमन गौतम, डॉक्टर सुभाष शिंदे और डॉक्टर अभिषेक भगवंत देवांगन को लगातार परेशान किया करते थे। पुलिस ने भगवत देवांगन के परिजनों की शिकायत पर पांचों ही डॉक्टर खिलाफ धारा 306 34 के तहत मामला दर्ज किया है। परिजनों का यह भी कहना था कि भगवंत को सीनियर चिकित्सक लगातार प्रताड़ित करते थे जिसके चलते वह मानसिक रूप से बीमार हो गया था और मनो चिकित्सक से इलाज भी करवा रहा था। इसी बीच एक माह के लिए डॉक्टर भगवंत देवांगन अवकाश पर अपने घर भी गए थे और जब वहां से लौट कर आए तो उन्होंने फाँसी लगा ली।