MPPSC 2019 Result : उम्मीदवारों के लिए महत्वपूर्ण खबर, राज्य सेवा परीक्षा-19 मामले में हाई कोर्ट ने सुनाया यह फैसला

mp high court

Madhya Pradesh Public Service Commission: मध्य प्रदेश लोक सेवा आयोग के उम्मीदवारों के लिए महत्वपूर्ण खबर है।एमपी हाई कोर्ट ने पीएससी-2019 के मेरिट लिस्ट के मर्जर और नॉर्मलाइजेशन ऑर्डर को लेकर स्टे (Order Stay) दिया है।  इसके साथ ही मुख्य न्यायाधीश रवि मलिमठ व न्यायमूर्ति विशाल मिश्रा की युगलपीठ ने जीएडी विभाग के प्रमुख सचिव, विधि एवं विधायी कार्य विभाग के सचिव सहित तीन दर्जन से अधिक उम्मीदवारों को नोटिस जारी कर जवाब-तलब किया है।इस मामले की अगली सुनवाई नए साल में 5 फरवरी 2023 को होगी।

जानकारी के अनुसार,  जबलपुर हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस  रवि मालिमठ एवं विशाल मिश्रा की खंड पीठ द्वारा जस्टिस अहलूवालिया के आदेश को स्थगित कर दिया गया है। जबलपुर हाई कोर्ट ने पीएससी-2019 परीक्षा के रिजल्ट तैयार करने संबंधी उस आदेश को स्थगित कर दिया है, जिसमें 200 से ज्यादा याचिकाओं को आंशिक रूप से स्वीकार कर मप्र लोक सेवा आयोग को नार्मलाइजेशन समेत कई  निर्देश दिए  गए थे।

ये है पूरा मामला

  • दरअसल, अगस्त में जबलपुर एकलपीठ द्वारा एमपीपीएससी 2019 की मुख्य परीक्षा के रिजल्ट के आधार पर नई नार्मलाइजेशन लिस्ट बनाने के निर्देश और अनारक्षित वर्ग के याचिकाकर्ताओं को इंटरव्यू में शामिल करने के आदेश जारी किए थे, ऐसे में एकलपीठ के आदेश के बाद नए सिरे से कार्रवाई करनी थी लेकिन इससे पहले ही इसके खिलाफ आयोग ने हाईकोर्ट में अपील दायर कर दी।
  • इस पर सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस रवि विजय कुमार मलिमठ तथा जस्टिस विशाल मिश्रा की एकलपीठ ने आदेश पर रोक लगा दी है।  इस दौरान पीएससी की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता प्रशांत सिंह, हस्तक्षेपकर्ताओं की ओर से अधिवक्ता रामेश्वर सिंह ठाकुर, विनायक शाह व अंशुल तिवारी ने पक्ष रखा था। अब अगली सुनवाई फरवरी में होगी।
  • इतना ही नहीं अगस्त में एकलपीठ ने अपने आदेश में कहा था कि आरक्षित वर्ग के 2,721 अभ्यर्थियों का स्पेशल मेंस परीक्षा का आयोजित किया जाए। समस्त अभ्यर्थियों के मुख्य परीक्षा के अंको का नॉर्मलाइजेशन करके साक्षात्कार की प्रक्रिया तीन महीने के अंदर पूरी की जाए, जिसके खिलाफ सर्वोच्च न्यायालय में एसएलपी दायर की गई थी, जो अबतक लंबित है।

पिछले आदेश पर लगा स्टे

अधिवक्ता रामेश्वर सिंह ठाकुर ने बताया कि अनेक याचिकाओं में जस्टिस जी.एस.अहलुबलिया ने 28 अगस्त 2023 को 89 पेज का फैसला पारित किया था तथा सुप्रीम कोर्ट में विचाराधीन याचिकाओं के निर्णय के अनुसार आयोग को आगामी प्रक्रिया अपनाने और याचिकाकर्ताओ को इंटरव्यू में शामिल करने का निर्देश दिया था। जस्टिस अहलुबलिया के उक्त आदेश के विरुद्ध MPPSC द्वारा हाईकोर्ट में रिट अपील दाखिल की गई, जिस पर मंगलवार को प्रारंभिक सुनवाई करते हुए समस्त अनावेदक को नोटिस जारी कर जस्टिस अहलुबलिया के आदेश को स्टे कर दिया गया है।


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Pooja Khodani

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खबर वह होती है जिसे कोई दबाना चाहता है। बाकी सब विज्ञापन है। मकसद तय करना दम की बात है। मायने यह रखता है कि हम क्या छापते हैं और क्या नहीं छापते। "कलम भी हूँ और कलमकार भी हूँ। खबरों के छपने का आधार भी हूँ।। मैं इस व्यवस्था की भागीदार भी हूँ। इसे बदलने की एक तलबगार भी हूँ।। दिवानी ही नहीं हूँ, दिमागदार भी हूँ। झूठे पर प्रहार, सच्चे की यार भी हूं।।" (पत्रकारिता में 8 वर्षों से सक्रिय, इलेक्ट्रानिक से लेकर डिजिटल मीडिया तक का अनुभव, सीखने की लालसा के साथ राजनैतिक खबरों पर पैनी नजर)

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