कोरोना काल में स्वीकृत हुए भवन निर्माण संबंधित नक्शे, 1 हजार से ज्यादा नक्शे हुए पास

जबलपुर,संदीप कुमार। आज हर व्यक्ति का सपना होता है कि उसका एक खुद का घर हो, उस घर में वह अपने परिवार के साथ सुख चैन से रहें। लेकिन बहुत कम लोग ही ऐसे होते हैं जिन्हें आसानी से खुद का घर नसीब हो पाता है। इसकी वजह है कि नगर निगम से मिलने वाली अनुमति। जी हां भवन निर्माण के लिए आसानी से अनुमति नहीं मिलती है, भवन निर्माण करना है तो पहले नगर निगम से अनुमति लेना अति आवश्यक होता है, लेकिन यह अनुमति मिलना अब काफी जटिल हो गई है। भवन निर्माण के लिए नक्शा पास कराने में लोगों को परेशानी होती हैं, अप्रैल महीने में कोरोना के चलते जहां एक भी नक्शा पास नहीं हुओ तो वहीं मई महीने से लगातार भवन निर्माण संबंधित नक्शे स्वीकृत किए गए हैं।

बीते 5 माह में इतने नक्शे हुए पास


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Gaurav Sharma

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पत्रकारिता पेशा नहीं ज़िम्मेदारी है और जब बात ज़िम्मेदारी की होती है तब ईमानदारी और जवाबदारी से दूरी बनाना असंभव हो जाता है। एक पत्रकार की जवाबदारी समाज के लिए उतनी ही आवश्यक होती है जितनी परिवार के लिए क्यूंकि समाज का हर वर्ग हर शख्स पत्रकार पर आंख बंद कर उस तरह ही भरोसा करता है जितना एक परिवार का सदस्य करता है। पत्रकारिता मनुष्य को समाज के हर परिवेश हर घटनाक्रम से अवगत कराती है, यह इतनी व्यापक है कि जीवन का कोई भी पक्ष इससे अछूता नहीं है। यह समाज की विकृतियों का पर्दाफाश कर उन्हे नष्ट करने में हर वर्ग की मदद करती है। इसलिए पं. कमलापति त्रिपाठी ने लिखा है कि," ज्ञान और विज्ञान, दर्शन और साहित्य, कला और कारीगरी, राजनीति और अर्थनीति, समाजशास्त्र और इतिहास, संघर्ष तथा क्रांति, उत्थान और पतन, निर्माण और विनाश, प्रगति और दुर्गति के छोटे-बड़े प्रवाहों को प्रतिबिंबित करने में पत्रकारिता के समान दूसरा कौन सफल हो सकता है।