Jabalpur News: एमपी स्टेट बार काउंसिल में जमकर हुआ हंगामा, अध्यक्ष ने लगवाया बैठक कक्ष में ताला

मध्य प्रदेश स्टेट बार काउंसिल के जबलपुर मुख्यालय में हुए हंगामे को लेकर आरोप यह सामने आया है कि स्टेट बार काउंसिल के अध्यक्ष प्रेम सिंह भदौरिया ने बैठक का आयोजन रोकने के लिए ताला लगवाया था।

Shashank Baranwal
Published on -
MP State Bar Council

Jabalpur News: मध्य प्रदेश में वकीलों की सबसे बड़ी संस्था, एमपी स्टेट बार काउंसिल के जबलपुर स्थित मुख्यालय में आज यानी शुक्रवार को जमकर हंगामा हुआ। दरअसल, जबलपुर स्थित एमपी स्टेट बार काउंसिल मुख्यालय में वकीलों की साधारण सभा की बैठक आयोजित होनी थी, लेकिन इससे पहले सभा कक्ष में ताला जड़ दिया गया। आइए जानते हैं विस्तार से…

सदस्यों के विरोध के बाद खुला ताला

मध्य प्रदेश स्टेट बार काउंसिल के जबलपुर मुख्यालय में हुए हंगामे को लेकर आरोप यह सामने आया है कि स्टेट बार काउंसिल के अध्यक्ष प्रेम सिंह भदौरिया ने बैठक का आयोजन रोकने के लिए ताला लगवाया था, क्योंकि उन्हें आशंका थी कि बैठक में उनके खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाया जा सकता है। फिलहाल, सदस्यों के विरोध के बाद सभा कक्ष का ताला खुलवाया गया और फिर सभा कक्ष में साधारण सभा की बैठक आयोजित की गई।

अविश्वास प्रस्ताव पेश किया गया

सूत्रों के मुताबिक बैठक में कई सदस्यों की ओर से अविश्वास प्रस्ताव पेश किया गया है। नियम के मुताबिक अब 21 दिनों के भीतर स्टेट बार काउंसिल की साधारण सभा की अगली बैठक की जाएगी, जिसमें अविश्वास प्रस्ताव के मुताबिक अध्यक्ष पद पर फैसला लिया जा सकता है। बता दें कि एमपी स्टेट बार काउंसिल में कुल 25 सदस्य हैं और अध्यक्ष पद के लिए आधे से ज्यादा सदस्यों का समर्थन ज़रुरी है।

जबलपुर से संदीप कुमार की रिपोर्ट


About Author
Shashank Baranwal

Shashank Baranwal

पत्रकारिता उन चुनिंदा पेशों में से है जो समाज को सार्थक रूप देने में सक्षम है। पत्रकार जितना ज्यादा अपने काम के प्रति ईमानदार होगा पत्रकारिता उतनी ही ज्यादा प्रखर और प्रभावकारी होगी। पत्रकारिता एक ऐसा क्षेत्र है जिसके जरिये हम मज़लूमों, शोषितों या वो लोग जो हाशिये पर है उनकी आवाज आसानी से उठा सकते हैं। पत्रकार समाज मे उतनी ही अहम भूमिका निभाता है जितना एक साहित्यकार, समाज विचारक। ये तीनों ही पुराने पूर्वाग्रह को तोड़ते हैं और अवचेतन समाज में चेतना जागृत करने का काम करते हैं। मशहूर शायर अकबर इलाहाबादी ने अपने इस शेर में बहुत सही तरीके से पत्रकारिता की भूमिका की बात कही है– खींचो न कमानों को न तलवार निकालो जब तोप मुक़ाबिल हो तो अख़बार निकालो मैं भी एक कलम का सिपाही हूँ और पत्रकारिता से जुड़ा हुआ हूँ। मुझे साहित्य में भी रुचि है । मैं एक समतामूलक समाज बनाने के लिये तत्पर हूँ।

Other Latest News