JABALPUR NEWS : मध्यप्रदेश हाईकोर्ट चीफ जस्टिस रवि मलिमथ और जस्टिस विशाल मिश्रा की युगलपीठ में म.प्र. लॉ स्टूडेंट्स एसोसिएशन के अध्यक्ष अधिवक्ता विशाल बघेल की याचिका पर आज फिर सुनवाई हुई, दरअसल नर्सिंग काउंसिल की पूर्व रजिस्ट्रार पर ठोस कार्यवाही नही करने पर हाईकोर्ट ने डीएमई को तलब किया था,सुनवाई के दौरान संचालक चिकित्सा शिक्षा कोर्ट रूम में हाजिर रहे और इस दौरान सरकार ने डीएमई के शपथ पत्र पर कोर्ट को जवाब देते हुए बताया कि पूर्व रजिस्ट्रार सुनीता शिजू को कल शाम भोपाल से इंदौर के लिए रिलीव कर दिया गया है साथ ही यह भी बताया कि हाईकोर्ट के पूर्व आदेश के पालन में सुनीता सिजु को नर्सिंग काउंसिल की रजिस्ट्रार के पद से हटाते हुए विभिन्न अनियमित्ताओं हेतु नोटिस जारी कर जवाब मांगा गया था एवं संतोषजनक जवाब न मिलने पर उनके विरुद्ध विभागीय जांच की कार्यवाही शुरू की गई थी, किंतु कोर्ट ने पेश किए गए दस्तावेजों में यह पाया कि कार्यवाही करने के मामले में देरी की गई है और इस संबंध में सवाल पूछे जाने पर सरकार की ओर से सही उत्तर नही दिये जा सके जिस कारण से हाईकोर्ट ने डीएमई द्वारा की गई कार्यवाहियों का दिन प्रतिदिन बार विवरण कल शपथ पत्र में पेश करने के निर्देश दिए साथ ही पूर्व रजिस्ट्रार सुनीता शिजू का पूरा सर्विस रिकॉर्ड पेश करने के निर्देश दिए हैं तथा भोपाल और इंदौर में हुई पोस्टिंग पर हैरानी व्यक्त की है।
अन्य दोषी को नया रजिस्टार बना दिया
याचिककर्ता की ओर से अधिवक्ता आलोक वागरेचा ने हाईकोर्ट को बताया कि सरकार द्वारा दोषियों पर कार्यवाही नहीं करते हुए एक अन्य दोषी को नया रजिस्टार बना दिया गया है गौरतलब है कि जबलपुर नर्सिंग कॉलेज में प्रभारी प्राचार्य के पद पर पदस्थ रहे स्टेला पीटर को सरकार ने विगत दिनों नर्सिंग काउंसिल की रजिस्ट्रार बनाया है याचिकाकर्ताओं ने कोर्ट में दस्तावेज पेश करते हुए बताया कि वर्ष 2020 में हुए कॉलेजों की मान्यता के निरीक्षण में स्टेला पीटर इंस्पेक्टर के रूप में ग्वालियर संभाग के 46 कॉलेजों का निरीक्षण उनकी मान्यता की अनुशंसा की थी किंतु जैसे ही वर्ष 2021 में हाईकोर्ट के आदेश पर नई जांच हुई तो जो 70 कॉलेज अपात्र पाए गए थे उसमें से 16 कॉलेज श्रीमती पीटर की अनुशंसा पर ही खोले गए थे और उस वक्त श्रीमती पीटर ही नर्सिंग काउंसिल की उस कार्यकारिणी समिति की सदस्य थी जिसने वर्ष 2020 के 660 कालेजों को मान्यता प्रदान करने की स्वीकृति दी थी और इन्हीं 2020 के खोले गए कॉलेजों में से 200 से ज्यादा कॉलेज बंद हो चुके हैं और उनकी मान्यता समाप्त की गई है तो फिर उन कॉलेजों की अनुशंसा करने वाली इंस्पेक्टरों के विरुद्ध कार्यवाही करने के स्थान पर उन्हीं में से एक इंस्पेक्टर स्टेला पीटर को रजिस्ट्रार बना दिया गया है, कोर्ट को यह भी बताया गया कि जानबूझकर दोषी रजिस्ट्रार ओं को एक पेज का नोटिस देकर लापरवाही की जाती है जिसके बाद में वह दोषी नहीं पाई जाती हैं और उस जांच रिपोर्ट के आधार पर कोर्ट की शरण में जाकर स्टे ले लेती हैं । यह नर्सिंग घोटाला है ऐसा है जिसमें सैकड़ों फर्जी कॉलेज खुले और उनकी मान्यता भी समाप्त हुई किंतु गड़बड़ी करने वाले सरकार की जांच में दोषी ही नहीं पाए गए।
सरकार को कड़ी फटकार
याचिकाकर्ता की ओर से तर्कों को सुनकर हाईकोर्ट ने सरकार को कड़ी फटकार लगाते हुए टिप्पणी करते हुए कहा कि सरकार द्वारा बार-बार यही रवैया अपनाया जा रहा है और हाई कोर्ट को सख्त होने पर मजबूर किया जा रहा है हाई कोर्ट ने याचिकाकर्ता द्वारा कॉउंसिल की नई रजिस्ट्रार स्टेला पीटर के विरुद्ध ली गई आपत्तियों के मामले में भी सरकार को कल तक जवाब पेश करने का निर्देश दिया है।
जबलपुर से संदीप कुमार की रिपोर्ट