जबलपुर, संदीप कुमार। हवा और जमीन में कैसे भारतीय सेना दुश्मनों के छक्के छुड़ाती है आपको यह देखना है तो आप जबलपुर के शासकीय इंजीनियरिंग कालेज (Jabalpur government engineering college) जा सकते है, जहाँ पर भारतीय सेना के दो घातक हथियारों को रखा गया है। इंजीनियरिंग कालेज को पहले एयर फोर्स ने मिग-21 (MIG 21) फाइटर प्लेन दिया था, उसके बाद अब सेना ने टैंक टी-55 (T-55 ) कॉलेज को सौपा गया है,अब जल्द ही इंजीनियरिंग कॉलेज को ब्रम्होस मिसाइल भी मिलने वाली है।
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कॉलेज में इनको स्थापित करने का उद्देश्य यह है कि ज्यादा से ज्यादा छात्र सेना की ताकत को समझ सके, भारतीय सेना की शान की टी-55 टैंक को जबलपुर के शासकीय इंजीनियरिंग कॉलेज में स्थापित किया गया है,टी-55 टैंक को पुणे डिफेंस डिपो से 6 मार्च को सड़क मार्ग से जबलपुर के लिए रवाना किया गया था। यह टैंक अब जबलपुर के साथ की इंजीनियर कॉलेज की शान बढ़ाएगा,1983 बैच के पूर्व छात्र वी.के सक्सेना के प्रयासों से यह टैंक जबलपुर शासकीय इंजीनियरिंग कॉलेज को मिला है।