जबलपुर, डेस्क रिपोर्ट। नर्मदापुरम के पास उफनती नदी की बाढ़ में जान गंवाने वाले सेना में अधिकारी निर्मल शिवराजन का शव लेकर उनके साथी कोच्चि रवाना हो गए, कैप्टन निर्मल का गृहग्राम कोच्चि है, उनके निधन से साथी अधिकारी बेहद दुखी है, बताया जा रहा है कि पचमढ़ी आर्मी एजुकेशन सेंटर (एईसी) के ट्रेनी कैप्टन निर्मल शिवराजन अच्छे स्पोर्ट्समैन और खुशमिसाज, मिलनसार व्यक्ति थे। 32 साल के युवा कैप्टन निर्मल करीब डेढ़ साल से पचमढ़ी की एईसी में ट्रेनिंग ले रहे थे। 5 महीने बाद दिसंबर में ही उनकी ट्रेनिंग पूरी होने वाली थी। कैप्टन निर्मल की शादी तीन महीने पहले ही हुई थी।
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गौरतलब है कि कर्नाटक के रहने वाले ट्रेनी कैप्टन पचमढ़ी आर्मी एजुकेशन सेंटर में प्रशिक्षण ले रहे थे। जबलपुर में उनकी पत्नी लेफ्टिनेंट गोपीचंदा रहती हैं। तीन महीने पहले ही उनकी शादी हुई थी। 13 अगस्त को वे पत्नी से मिलने जबलपुर गए थे। 16 अगस्त को सुबह 6 बजे उन्हें सेंटर पहुंचना था, वे सेंटर नहीं पहुंचे। ऐसे में कैप्टन की पत्नी लेफ्टिनेंट गोपीचंदा से संपर्क किया गया तो पता चला वे 15 अगस्त को ही कार से दोपहर करीब साढ़े 3 बजे पचमढ़ी के लिए रवाना हो गए थे।
13 अगस्त को कैप्टन पत्नी से मिलने जबलपुर गए थे। 16 अगस्त को सुबह 6 बजे उन्हें सेंटर पहुंचना था। उनकी कार गुरुवार सुबह नदी में मिली। बताया जा रहा है कि रात 8 बजे पत्नी उनकी मोबाइल पर आखिरी बार बात हुई थी। जबलपुर से बनखेड़ी, पिपरिया होते हुए पचमढ़ी पहुंचने का सीधा रास्ता है, लेकिन ज्यादा बारिश होने से पुल क्षतिग्रस्त हो गया है। ऐसे में वे बाड़ी, बरेली, नसीराबाद मार्ग होते हुए पचमढ़ी जा रहे थे। उन्होंने पत्नी से इस बात का जिक्र भी किया था। ट्रेनी कैप्टन पचमढ़ी नहीं पहुंचे तो अफसरों उनकी लेफ्टिनेंट पत्नी गोपीचंदा से संपर्क किया। इसके बाद पता चला कि वे 15 अगस्त को ही रवाना हो चुके थे। तब उनकी तलाश शुरू की। नाव से सर्चिंग कर रहे एसडीओपी मदनमोहन समर, होमगार्ड के गोताखोर और आर्मी के जवानों को पहले नदी में बुधवार को कार मिली और उसके बाद गुरुवार को नदी किनारे कैप्टन का शव मिला। शव एक पेड़ में फंसा हुआ था।