जबलपुर नकली इंजेक्शन मामला, सरबजीत सिंह मोखा की बढ़ी मुश्किलें, एसआईटी टीम को मिले अहम सबूत

Published on -

जबलपुर, संदीप कुमार। जबलपुर (Jabalpur) में नकली रेमडेसिवीर इंजेक्शन (Remdesivir Injection) मामले में एसआईटी टीम (SIT Team) को अहम सबूत मिले हैं, टीम ने मेडिकल स्टोर के पीछे से 2 इंजेक्शन, जबकि सिटी अस्पताल के संचालक सरबजीत सिंह मोखा के खाली प्लाट से इंजेक्शन की टूटी बोटल और इंजेक्शन बरामद किए हैं, इधर एसआईटी की टीम ने मोखा की पत्नी, देवेश और मैनेजर की पूछताछ पर सुनील मिश्रा, राकेश शर्मा, हरकरण सिंह का नाम एफआईआर (FIR) में दर्ज कर लिया है। वहीं एसआईटी की टीम मोखा के बड़े बेटे की तालाश को लेकर लगातार कई क्षेत्रों में दबिश दे रही है।

यह भी पढ़ें…जबलपुर : महिला ने शादी से किया इंकार तो भाई को मारा चाकू, पड़ोसी की भी कर दी हत्या

पुल नम्बर-2 के खाली प्लाट में मिली इंजेक्शन की सिसियां
जानकारी के अनुसार सरबजीत सिंह मोखा का गेट नंबर-2 के पास खाली प्लाट पड़ा हुआ है। नकली इंजेक्शन के मामले ने जैसी ही सुर्खियां ली उसी वक्त सरबजीत सिंह मोखा, देवेश चौरसिया सहित अन्य ने नकली इंजेक्शनों को डिस्पोज करना शुरू कर दिया और कुछ इंजेक्शन खाली प्लाट में भी डिस्पोज किए गए थे। आरोपियों से पूछताछ में एसआईटी टीम को जानकारी लगी कि पुल नम्बर 2 स्थित मोखा के खाली प्लाट में इंजेक्शन डिस्पोज किए गए हैं। पुलिस ने मौके पर जाकर इंजेक्शन की कुछ सिसियां बरामद की है, बताया जा रहा है कि नकली इंजेक्शन मामले की जांच में अब तक जो सामने आया है उसमें सरबजीत सिंह मोखा के बड़े पुत्र हरकरण सिंह मोखा की भूमिका मुख्य मानी जा रही है। पुलिस भी पुत्र को गिरफ्तार करने के लिए शहर सहित अन्य जिलों में दबिश दे रही है। बेटे के पकड़े जाने के बाद इस मामले में और अन्य खुलासा भी होगा।

आरोपियों को सरंक्षण देने, बचाव करने वालों को बख्शा नहीं जाएगा
एसआईटी की टीम ने साफ शब्दों में कह दिया कि नकली इंजेक्शन मामले में आरोपियों को जो भी बचाने का प्रयास करेगा या फरार आरोपियों को सरंक्षण देगा उस पर कार्रवाई होगी। एसआईटी टीम को पर्याप्त साक्ष्य मिल चुकें हैं। अगर कोई भी व्यक्ति आरोपियों की मदद करते हुए पाया गया तो उन्हें बख्शा नहीं जायेगा।

मेडिकल की टीम करेगी मौतों की जांच
सिटी अस्पताल में भर्ती हुए कोरोना मरीजों मामले की जांच और मरीजों की मौत कैसे हुई हैं इसकी पूरी जांच के लिए मेडिकल डॉक्टरो की एक टीम गठित कराई जा रही है जिसकी टीम जांच करेगी। बतादें कि इन नकली इंजेक्शनों से कई लोगों की मौतें हुई है तो कई लोग बाल-बाल बचे है।

यह भी पढ़ें…बढ़ सकती हैं मध्य प्रदेश के इस मंत्री की मुश्किलें, पहले भी लग चुके आरोप


About Author

Harpreet Kaur

Other Latest News