जबलपुर, संदीप कुमार। जबलपुर में कोरोना संक्रमण (corona infection) के चलते लगे लॉक डाउन (lockdown) में कही आने-जाने को लेकर वकीलों (advocates) को भी खासा परेशान होना पड़ रहा है। लिहाजा इस मामले में मध्य प्रदेश हाईकोर्ट (MP highcourt) में राज्य अधिवक्ता परिषद के सदस्य की जनहित याचिका (petition) का निराकरण कर दिया गया है। याचिका में जनता कर्फ्यू के दौरान वकील और उनके जूनियर्स को आवाजाही में परेशानी होने की बात का जिक्र था जिस पर सुनवाई करते हुए हाई कोर्ट ने जबलपुर, इंदौर और ग्वालियर के जरूरतमंद वकील संबंधित बार एसोसिएशन (bar association) के माध्यम से जिला अधिकारी के समक्ष ऑफिस आने-जाने के लिए आवेदन कर सकते हैं। इस संबंध में चीफ जस्टिस मोहम्मद रफीक और जस्टिस अतुल श्रीधरन की युगलपीठ (couple bench) ने सरकार के जवाब के बाद यह बात कही।
यह भी पढ़ें… देश में कोरोना मामलों में आई मामूली गिरावट, स्थिति अभी भी चिंताजनक
दरअसल यह जनहित याचिका इंदौर निवासी वकील और मप्र राज्य अधिवक्ता परिषद के सदस्य सुनील गुप्ता की ओर से दायर की गई थी। याचिका में हाई कोर्ट को बताया गया कि जनता कर्फ्यू के कारण वकील और जूनियर्स को ऑफिस आने-जाने में काफी परेशानी होती है। आए दिन पुलिस से विवाद की स्थिति निर्मित होती है। याचिका में यह भी उल्लेख किया गया कि कोर्ट भले ही वर्चुअल सुनवाई कर रही हो पर अधिवक्ता और जूनियर्स को ऑफिस जाना ही होता है।
यह भी पढ़ें… राहुल गांधी के “आई एम हैप्पी” पर नरोत्तम मिश्रा का तंज, कही ये बड़ी बात
जबलपुर, इंदौर और ग्वालियर में वकील सबसे ज्यादा परेशान हो रहे हैं। याचिका में थोड़ी राहत की मांग की गई थी। जनहित याचिका में मप्र शासन के मुख्य सचिव, पीएस गृह विभाग सहित जबलपुर, इंदौर और ग्वालियर के कलेक्टर को पक्षकार बनाया गया था। वहीं सरकार की तरफ से जवाब पेश करने के बाद न्यायालय ने याचिका का निराकरण कर दिया है। अब वकील और उनके जूनियर्स बार एसोसिएशन के माध्यम से जिला अधिकारी के समक्ष ऑफिस आने-जाने के लिए आवेदन कर सकते हैं।