जबलपुर,संदीप कुमार। दिसंबर माह में मौसम लगातार खराब होता जा रहा है कड़ाके की ठंड के साथ साथ कोहरा और बेमौसम पानी जा खड़ी फसलों के लिए मुसीबत पैदा कर रहा है वहीं धान की पैदावार करने वाले किसानों के लिए यह दोहरी मुसीबत लेकर आया है। जबलपुर में हुई इस बेमौसम बारिश के चलते जहां किसानों का माल खराब हो रहा है वहीं मंडिया बंद होने से किसानों की मुसीबत और बढ़ गई है।
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जबलपुर जिले में दो दिनों से हो रही तेज बारिश ले जाएं कोर जनजीवन अस्त व्यस्त कर दिया वहीं धान की किसानों के लिए यह बड़ी मुसीबत के रूप में पेश आई है। किसानों का धान,खरीदी केंद्रों में रखा धान खराब हो गया है और बारिश के चलते हैं धान खरीदने का काम भी बन्द हो गया।
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किसान और व्यापारी दोनों मौसम के ठीक होने का इंतजार कर रहे हैं ताकि फिर से धान की खरीदी शुरू की जा सके। खरीदी के नाम पर बहुत कम केंद्रों पर धान की खरीदी की जा रही है अधिकांश व्यापारी इस समय धान की खरीद से परहेज कर रहे हैं।
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जिला प्रशासन ने न्यूनतम समर्थन मूल्य पर धान खरीदी के लिए 111 केंद्र बनाये है जो आगामी 14 दिनों तक और खुले रहेंगे। ऐसे में बारिश की भेंट चढ़ते दिख रहे इस सप्ताह के अधिकांश दिन व्यापारियों और किसानों के लिए चिंता का विषय है। आंकड़ों की माने तो इस वर्ष 4 लाख 80 हजार मैट्रिक टन धान खरीदने का लक्ष्य रखा गया है जिसमें से अभी तक 225422 मेट्रिक टन ही खरीदी हुई है।
इस वर्ष अपनी उपज बेचने के लिए सरकारी पोर्टल पर 51946 किसानों ने अपना पंजीयन कराया और 19533 किसान ही अपनी उपज सरकारी केंद्रों पर विक्रय कर पाए हैं। विशाल सरकार ने विशेष ध्यान रखा है कि वरदान की कमी धान की खरीदी रुकने का कारण न बने लेकिन फिर भी अभी तक धान की खरीदी के लक्ष्य से फिलहाल की गई खरीदी कोसों दूर है।
जिले में धान खरीदी आंकड़ों की जुबानी-
जिले में पंजीयत किसान- 51912
उपार्जन केंद्र -111
अनुमानित खरीदी लक्ष्य- 480000 मेट्रिक टन
अभी तक धान खरीदी- 225422 मेट्रिक टन
उपार्जित किए गए किसान- 19533
भुगतान राशि आवंटित-45 करोड़ 73 लाख
अबतक भुगतान – 31 करोड़ 52 लाख