पुलिस ने सुलझाई मर्डर मिस्ट्री, पांच आरोपी गिरफ्तार,दो की तलाश जारी

जबलपुर, संदीप कुमार। जिले के ग्राम रमनपुर रोड टेढिया नाला के किनारे मिली दो युवकों की लाश के मामले को बरगी थाना पुलिस ने सुलझाते हुए पांच आरोपियो को गिरफ्तार किया है। जबकि दो आरोपी फरार बताए जा रहे है। दर्शल बरगी थाना पुलिस को सूचना मिली थी कि रमनपुर से कुछ दूर नाले के पास दो युवक मृत अवस्था में पडे हुये है, साथ ही पास में एक मोटर साईकिल पड़ी हुई है । सूचना पर बरगी थाना प्रभारी शिवराज सिंह अपने स्टाफ के साथ मौके पर पहुंचे । दोनों युवकों की पतासाजी की गयी तो उनका नाम बल्देव मरावी एवं राजकुमार विश्वकर्मा पता चला।घटनास्थल के निरीक्षण पर मिले दोनों शवों एवं मोटर साइकिल को देखते हुए पुलिस को घटना संदिग्ध लगती है। जिसके बाद अति. पुलिस अधीक्षक ग्रामीण शिवेश सिंह बघेल एवं एफ.एस.एल. टीम मौके पर पहुंची एवं घटना स्थल का निरीक्षण करते हुये शवों को पीएम हेतु भिजवा गया।

शार्ट पी.एम. रिपोर्ट में मृतक बल्देव मरावी एवं राजकुमार विश्वकर्मा की मृत्यु चोटें आने से होना पाया गया। इसी बीच मुखबिर से बरगी पुलिस को सूचना मिली कि दोनों मृतक विशाल ढाबा जो कि वर्तमान में बंद है उसी के गडे हुये टैंक में गिरे थे। जानकारी लगते ही विशाल ढाबा जो कि विशाल चैकसे का है, जो बंद पडे विशाल ढाबा में भी अपने भतीजे मोनू उर्फ आदित्य चैकसे के साथ रहता है। जिसके बाद पुलिस ने विशाल चैकसे एवं मोनू उर्फ आदित्य से सघन पूछताछ की, तो पता चला कि 20 सितंबर 2020 को शाम लगभग 4 बजे ढाबा के पीछे गडे़ हुये दो टैंकों को साफ करने की बात ढाबा में रहकर काम करने वाल बल्देव मरावी एवं राजकुमार विश्वकर्मा से की तो देानों तैयार हो गये, और बल्देव मरावी ने टैंक मे घुसने के लिये जैसे ही टैक का ढक्कन खोला अनियंत्रित होकर टैंक के अंदर गिर गया।


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Gaurav Sharma

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पत्रकारिता पेशा नहीं ज़िम्मेदारी है और जब बात ज़िम्मेदारी की होती है तब ईमानदारी और जवाबदारी से दूरी बनाना असंभव हो जाता है। एक पत्रकार की जवाबदारी समाज के लिए उतनी ही आवश्यक होती है जितनी परिवार के लिए क्यूंकि समाज का हर वर्ग हर शख्स पत्रकार पर आंख बंद कर उस तरह ही भरोसा करता है जितना एक परिवार का सदस्य करता है। पत्रकारिता मनुष्य को समाज के हर परिवेश हर घटनाक्रम से अवगत कराती है, यह इतनी व्यापक है कि जीवन का कोई भी पक्ष इससे अछूता नहीं है। यह समाज की विकृतियों का पर्दाफाश कर उन्हे नष्ट करने में हर वर्ग की मदद करती है। इसलिए पं. कमलापति त्रिपाठी ने लिखा है कि," ज्ञान और विज्ञान, दर्शन और साहित्य, कला और कारीगरी, राजनीति और अर्थनीति, समाजशास्त्र और इतिहास, संघर्ष तथा क्रांति, उत्थान और पतन, निर्माण और विनाश, प्रगति और दुर्गति के छोटे-बड़े प्रवाहों को प्रतिबिंबित करने में पत्रकारिता के समान दूसरा कौन सफल हो सकता है।