जबलपुर, संदीप कुमार | जबलपुर में अचानक अपने घर से निकले डॉक्टर शिवाकांत गुप्ता की आज सुबह उमरिया जिले के पाली के पास लाश मिली है, जिससे आसपास के इलाके में हड़कंप मच गया। बता दें कि मृतक के पिता एम.पी गुप्ता आशीष हॉस्पिटल के संचालक हैं। स्थानीय लोगों ने शव को देखते ही तुरंत इसकी सूचना पुलिस को दी। वहीं, मौके पर पहुंची पुलिस ने शव को अपने कब्जे में ले लिया और मर्ग कायम कर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है। साथ ही, शिकायत दर्ज कर मामले की जांच में जुट गई है, तो आइए जानते हैं क्या है पूरा मामला..
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इस मामले में पिता एम.पी गुप्ता ने बताया कि, जिस समय उनका बेटा घर से निकला था उस वक्त उसने अपना फोन घर पर छोड़ दिया था और जल्दबाजी में घर से देश शाम निकल गया। फिलहाल, पुलिस ने मृतक की कार को अपने कब्जे में ले लिया है और आसपास के सीसीटीवी फुटेज खंगाल कर उनकी मौत के बारे में जाचं-पड़ताल में जुटी हुई है। बता दें कि परिवार ने शिवाकांत गुप्ता शुक्रवार की देर रात तक घर नहीं लौटने पर उनके दोस्तों और आसपड़ोस के लोगों से पुछताछ की लेकिन जानकारी ना मिलने पर परिजनों ने मदन महल थाना पुलिस में गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज करवाई। जिसके बाद पुलिस को देर रात सूचना मिली कि, उमरिया जिले के पाली के पास एक कार मिली कार मिली है। जिसकी पहचान डॉ. शिवाकांत गुप्ता के कार के रुप में की गई।
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वहीं, बिरसिंहपुर पाली थाना पुलिस ने मीडिया को जानकारी देते हुए बताया कि, “डॉ. शिव कांत गुप्ता की मौत जबलपुर अंबिकापुर इंटरसिटी एक्सप्रेस से टकरा जाने के कारण हुई है। जबलपुर अंबिकापुर इंटरसिटी एक्सप्रेस के चालक ने इस मामले में शहडोल में मेमो दिया था। साथ ही उन्होंने बताया कि, “इस मामले की जांच बिरसिंहपुर पुलिस कर रही है और जबलपुर अंबिकापुर इंटरसिटी एक्सप्रेस के चालक का बयान भी दर्ज किया जाएगा। बिरसिंहपुर पाली पुलिस जब बयान दर्ज कर लेगी तभी पता चलेगा कि असल में घटना कैसे हुई थी।”
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परिजनों का इस हादसे के बाद रो-रो कर बुरा हाल है। परिवार वालों का आरोप है कि किसी साजिश के तहत उनके बेटे की हत्या की गई है, जिसकी निष्पक्ष जांच होनी चाहिए और पुलिस को कड़ाई के साथ मामले की छानबीन करनी चाहिए। सभी के मन में बस एक ही सवाल उठ रहा है कि अचानक ऐसा क्या हुआ कि बिना फोन के शिवाकांत को घर से बाहर जाना पड़ा और आखिरकार उनकी लाश मिली।
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