सचिन पायलट के ग्वालियर दौरे पर मंत्री विश्वास सारंग का तंज,कहा-कांग्रेस में नहीं बचे नेता

Gaurav Sharma
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जबलपुर,संदीप कुमार। सचिन पायलट के ग्वालियर में चुनाव प्रचार करने पर चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग ने भी तंज कसा है। विश्वास सारंग ने कहा कि जिस प्रकार से मध्यप्रदेश में सचिन पायलट कांग्रेस के लिए प्रचार करने आ रहे हैं उससे साफ है कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और ज्योतिरादित्य सिंधिया के कद का नेता मध्यप्रदेश कांग्रेस में नहीं बचा है और कांग्रेस ने यह बात स्वीकार कर ली है।

मध्यप्रदेश में होने वाले उपचुनाव का सियासी पारा चुनाव की तारीखों के एलान के पहले ही चढ़ चुका है। दोनों ही दल के नेता एक दूसरे पर बयानबाजी से नहीं चूक रहे हैं। मध्यप्रदेश के ग्वालियर चंबल में सचिन पायलट और प्रियंका गांधी को स्टार प्रचारक बनाए जाने की खबरों के बीच, गृह मंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्रा के बाद चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग ने भी तंज कसा है। मंत्री विश्वास सारंग ने कहा कि जिस प्रकार से मध्यप्रदेश में सचिन पायलट कांग्रेस के लिए प्रचार करने आ रहे हैं उससे साफ है कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और ज्योतिरादित्य सिंधिया के कद का नेता मध्यप्रदेश कांग्रेस में नहीं बचा है और कांग्रेस ने यह बात स्वीकार कर ली है। चिकित्सा शिक्षा मंत्री ने कहा कि कांग्रेस के इस निर्णय से उन्हें आश्चर्य इसलिए भी नहीं होता है. क्योंकि जिस पार्टी में राष्ट्रीय अध्यक्ष ही इंपोर्टेड होगा तो स्टार प्रचारक भी इंपोर्टेड होगा।


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पत्रकारिता पेशा नहीं ज़िम्मेदारी है और जब बात ज़िम्मेदारी की होती है तब ईमानदारी और जवाबदारी से दूरी बनाना असंभव हो जाता है। एक पत्रकार की जवाबदारी समाज के लिए उतनी ही आवश्यक होती है जितनी परिवार के लिए क्यूंकि समाज का हर वर्ग हर शख्स पत्रकार पर आंख बंद कर उस तरह ही भरोसा करता है जितना एक परिवार का सदस्य करता है। पत्रकारिता मनुष्य को समाज के हर परिवेश हर घटनाक्रम से अवगत कराती है, यह इतनी व्यापक है कि जीवन का कोई भी पक्ष इससे अछूता नहीं है। यह समाज की विकृतियों का पर्दाफाश कर उन्हे नष्ट करने में हर वर्ग की मदद करती है।इसलिए पं. कमलापति त्रिपाठी ने लिखा है कि," ज्ञान और विज्ञान, दर्शन और साहित्य, कला और कारीगरी, राजनीति और अर्थनीति, समाजशास्त्र और इतिहास, संघर्ष तथा क्रांति, उत्थान और पतन, निर्माण और विनाश, प्रगति और दुर्गति के छोटे-बड़े प्रवाहों को प्रतिबिंबित करने में पत्रकारिता के समान दूसरा कौन सफल हो सकता है।

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