School Fees : स्कूली बच्चे और अभिभावक के हित में हाई कोर्ट का बड़ा फैसला, लौटाई जाएगी अतिरिक्त स्कूल फीस, मिलेगा लाभ

Kashish Trivedi
Published on -
school

जबलपुर, डेस्क रिपोर्ट। मध्यप्रदेश हाईकोर्ट (MP High court) ने एक महत्वपूर्ण फैसला सुनाया है। जिसके तहत कोरोना काल शासकीय आदेश के अतिरिक्त वसूले गए फीस (school fees) बच्चों को लौटाने के निर्देश दिए गए हैं। स्कूल को आदेश दिया गया है कि बच्चों को फीस लौटाए जाए। स्कूल में 20 हजार के करीब बच्चे हैं। जिनमें से 118 बच्चे की तरफ से याचिका दायर की गई थी।

बता दें कि कोरोना काल के दौरान 2 साल तक स्कूल बंद रहे थे, इस दौरान ऑनलाइन कक्षाओं का संचालन किया गया था। वहीं राज्य शासन द्वारा निजी स्कूलों को सिर्फ शिक्षण शुल्क वसूल करने के आदेश दिए गए थे। हालांकि सीबीएसई स्कूलों द्वारा अभिभावक से शिक्षण शुल्क के अलावा कई अन्य शुल्क भी वसूले गए थे। जिनमें सागर पब्लिक स्कूल का नाम सबसे आगे रहा था। अब ऐसे स्कूल के खिलाफ याचिका दायर की गई थी। माय पेरेंट्स एसोसिएशन द्वारा 21 महीने तक लड़ाई लड़ने के बाद हाईकोर्ट ने बच्चों और अभिभावकों के हित में फैसला सुनाया है।

 Indore: रफ्तार ने फिर छीनी जिंदगी, डिवाइडर से टकराने के बाद युवकों ने तोड़ा दम

हाईकोर्ट ने शिक्षण शुल्क लेने के आदेश के बाद भी सागर पब्लिक स्कूल द्वारा अन्य मद की वसूली करने और ऑनलाइन तैराकी और डांस आदि के बहाने पूरे शुल्क वसूले जाने पर कड़ी नाराजगी जाहिर की है। इस संबंध में स्कूल को सभी बच्चों के फीस लौटाने के आदेश भी दिए गए हैं। माय पेरेंट्स एसोसिएशन द्वारा 118 बच्चों की बढ़ी हुई फीस न केवल वापस करवाई गई है। न्यायालय के आदेश की अवमानना करने पर कोर्ट के सामने सागर पब्लिक स्कूल को झुकना पड़ा है।

स्कूल प्रबंधन द्वारा माफी मांगी गई है। साथ ही 118 बच्चों की 20 लाख 62 हजार 430 रुपए लौटाए गए हैं। इसके साथ ही अन्य बच्चों की भी फीस लौटाने के निर्देश दिए गए हैं। मामले में माय पेरेंट्स एसोसिएशन की ओर से वकील शैलेश बाबा ने कहा कि अदालत का यह निर्णय मील का पत्थर साबित होगा। स्कूल के अन्य अभिभावक इस आदेश का हवाला देकर करुणा काल में लिए गए संबंधित शिकायत जिला शिक्षा अधिकारी और लोक शिक्षण संचालनालय के आयुक्त से कर सकते हैं।

आंकड़ों की मानें तो 2019 में शिक्षण शुल्क के मुकाबले 52.32% अधिक फीस की वसूली की गई थी जबकि 2020-21 में शिक्षण शुल्क को और अधिक बढ़ा दिया गया था। 2019-20 के शिक्षण शुल्क के मुकाबले 2021-22 के शिक्षण शुल्क में 91.3 फीसद की वृद्धि की गई थी।

वही माय पेरेंट्स एसोसिएशन के पंजीकृत अभिभावक के अलावा भी 19 हजार से अधिक बच्चे हैं। जिनकी फीस को लौटाने इसमें शामिल नहीं है। वहीं अदालत के फैसले के बाद अन्य बच्चे भी हाईकोर्ट में याचिका लगाकर अपनी फीस वापस करने की मांग कर सकते हैं। इस मामले में सागर पब्लिक स्कूल के अध्यक्ष सुधीर अग्रवाल का कहना है कि फीस के संबंध में न्यायालय के कोई आदेश दिया है। इस संबंध में उन्हें कोई जानकारी नहीं है।


About Author
Kashish Trivedi

Kashish Trivedi

Other Latest News