“तारीख पे तारीख तो मिल रही है लेकिन विकास नहीं मिल रहा है” संसद में सांसद विवेक तन्खा का दिखा फिल्मी अंदाज

Amit Sengar
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Jabalpur News : मध्यप्रदेश के सांसद विवेक तन्खा ने रोजगार के मुद्दो को लेकर राज्यसभा में सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि जिस तरह से अर्थव्यवस्था, जीड़ीपी, शिक्षा और ग्रोथ की बात की जा रही है, वह सिर्फ कागज तक ही सिमट कर रह गई है। आज युवाओं के पास रोजगार नहीं है। राज्यसभा सांसद विवेक तन्खा ने कहा कि मैं जब अर्थव्यवस्था को देखता हूं, तो अपने शहर जबलपुर से जोड़कर देखता हूं।

राज्यसभा में केंद्र सरकार पर साधा निशाना

विवेक तन्खा ने कहा कि जबलपुर में रक्षा मंत्रालय की छह फैक्ट्रियां है। एक समय था कि जबलपुर की सैन्य फैक्ट्रियों में एक समय एक लाख से अधिक कर्मचारी काम किया करते थे, और ये व्यवस्था पचास-साठ साल की है। विवेक तन्खा ने कहा कि मैं दावे से कह सकता हूं कि बहुत सारे सांसद जबलपुर आकर सैन्य की फैक्ट्रियां भी देखी होगी। विवेक तन्खा ने कहा कि एक समय जिस फैक्ट्री में लाखों लोग काम करते थे, आज उस फैक्टी में दस हजार कर्मचारी काम कर रहें है।

विवेक तनखा ने कहा कि सरकार कहती है कि भारत मैन्युफैक्चरिंग हब है, पर मुझे नही लगता कि ये सच है। उन्होनें कहा कि भारत डिजिटल हब थोड़ा जरुर बना है, जिसकी कुछ चीजें नोएड़ा आई है। इसके अलावा और कुछ नही है। राज्यसभा सांसद विवेक तंखा ने फिल्म एक्टर और लोकसभा के सदस्य सनी देओल का एक डायलॉग भी संसद पर बोला। उन्होंने कहा था कि जिस तरह से एक फिल्म में सनी देओल ने एक डायलॉग बोला था कि तारीख पे तारीख, तारीख पे तारीख मिल रहा है, माय लॉर्ड लेकिन इंसाफ नहीं मिला। इस तरह से मैं मोदी जी और बीजेपी से कहना चाहता हूं कि तारीख पे तारीख, तारीख पे तारीख तो मिल रही है लेकिन विकास नहीं मिल रहा है। विवेक तंखा ने कहा कि वाकई में हमें विकास नहीं मिला। क्योंकि तारीख तो आप हमें दे रहे हैं लेकिन देश का विकास नहीं कर रहे हैं।
जबलपुर से संदीप कुमार की रिपोर्ट


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मुझे अपने आप पर गर्व है कि में एक पत्रकार हूँ। क्योंकि पत्रकार होना अपने आप में कलाकार, चिंतक, लेखक या जन-हित में काम करने वाले वकील जैसा होता है। पत्रकार कोई कारोबारी, व्यापारी या राजनेता नहीं होता है वह व्यापक जनता की भलाई के सरोकारों से संचालित होता है।वहीं हेनरी ल्यूस ने कहा है कि “मैं जर्नलिस्ट बना ताकि दुनिया के दिल के अधिक करीब रहूं।”

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