Jabalpur News: डूब प्रभावित ग्राम कठौतिया मोटरबोट से पहुंचा मदतान दल, हर चुनाव में बरगी बांध पार कर पहुंचते हैं कर्मचारी

चाहे लोकसभा चुनाव हो या फिर विधानसभा हर चुनाव के लिए मतदान कर्मियों को बरगी बांध पार कर जाना होता हैं। वहीं बरगी बांध का ग्राम कठौतिया में सालों से इसी तरह की स्थिति बनी हुई है।

Shashank Baranwal
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Jabalpur

Jabalpur News: लोकसभा चुनाव 2024 के पहले चरण का मतदान शुक्रवार यानी 19 अप्रैल को होने वाला है। इसके लिए मतदान दल जवाहरलाल नेहरू कृषि विश्वविद्यालय परिसर से मतदान सामग्री प्राप्त कर बस से बरगी बांध स्थित मैकल रिसोर्ट पहुँचा। वहीं मतदान दल के साथ सेक्टर ऑफिसर संदीप जैन एवं माइक्रो आब्जर्वर अखिलेश प्रसाद भी सुरक्षा कर्मियों के साथ मैकल रिसोर्ट से कठौतिया रवाना हुए।

ये अधिकारी रहे शामिल

दरअसल, लोकसभा का चुनाव कराने जिले के बरगी विधानसभा क्षेत्र के डूब प्रभावित ग्राम कठौतिया स्थित मतदान केंद्र पहुंचने के लिए मतदान दल मोटरबोट से रवाना हुआ। बरगी बांध के डूब प्रभावित ग्राम कठौतिया स्थित मतदान केंद्र क्रमांक 261 में कुल 284 मतदाता हैं। वहीं मतदान कराने गठित दल में पीठासीन अधिकारी पी के साहू, मतदान अधिकारी क्रमांक एक- कैलास दास, मतदान अधिकारी क्रमांक दो- दीपक कुमार साहू एवं मतदान अधिकारी क्रमांक तीन- गोविंद श्रीवास्तव शामिल हैं।

हर चुनाव में बरगी बांध पार कर पहुंचते हैं कर्मचारी

गौरतलब है कि चाहे लोकसभा चुनाव हो या फिर विधानसभा हर चुनाव के लिए मतदान कर्मियों को बरगी बांध पार कर जाना होता हैं। वहीं बरगी बांध का ग्राम कठौतिया में सालों से इसी तरह की स्थिति बनी हुई है। गांव से अगर किसी को जबलपुर शहर की तरफ आना होता है तो उसे नाव के माध्यम से विशाल बरगी बांध को पार करना होता है।

जबलपुर से संदीप कुमार की रिपोर्ट


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पत्रकारिता उन चुनिंदा पेशों में से है जो समाज को सार्थक रूप देने में सक्षम है। पत्रकार जितना ज्यादा अपने काम के प्रति ईमानदार होगा पत्रकारिता उतनी ही ज्यादा प्रखर और प्रभावकारी होगी। पत्रकारिता एक ऐसा क्षेत्र है जिसके जरिये हम मज़लूमों, शोषितों या वो लोग जो हाशिये पर है उनकी आवाज आसानी से उठा सकते हैं। पत्रकार समाज मे उतनी ही अहम भूमिका निभाता है जितना एक साहित्यकार, समाज विचारक। ये तीनों ही पुराने पूर्वाग्रह को तोड़ते हैं और अवचेतन समाज में चेतना जागृत करने का काम करते हैं। मशहूर शायर अकबर इलाहाबादी ने अपने इस शेर में बहुत सही तरीके से पत्रकारिता की भूमिका की बात कही है–खींचो न कमानों को न तलवार निकालो जब तोप मुक़ाबिल हो तो अख़बार निकालोमैं भी एक कलम का सिपाही हूँ और पत्रकारिता से जुड़ा हुआ हूँ। मुझे साहित्य में भी रुचि है । मैं एक समतामूलक समाज बनाने के लिये तत्पर हूँ।

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