जबलपुर, संदीप कुमार। सिवनी जिले के रहने वाले अखिलेश नेमा ने हाई कोर्ट में याचिका दायर की है 2 से अधिक बच्चे होने पर वेतन वृद्धि रोका जाना सही नहीं है। हाईकोर्ट ने इस मामले में दायर की गई याचिका पर सुनवाई की है। मामले में अदालत द्वारा राज्य सरकार और आयुक्त पंचायत विभाग को अपना जवाब पेश करने के निर्देश दिये गए हैं।
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अखिलेश नेमा की 1999 में पंचायत शिक्षाकर्मी के तौर पर नियुक्ति हुई थी। बाद में उनका पंचायत विभाग के अंतर्गत सहायक शिक्षक के पद पर संविलियन कर दिया गया। इसके बाद साल 2015 में याचिकाकर्ता की दो में से एक संतान को उनके भाई ने विधिवत गोद ले ली थी। वर्ष 2018 के जनवरी में याचिकाकर्ता के तीसरी संतान हुई, इसी साल 2018 में याचिकाकर्ता का संविलियन शासन के अंतर्गत शिक्षक के कैडर में हो गया, लेकिन तीसरी संतान के बाद उसकी वेतनवृद्धि रोक दी गई।
याचिकाकर्ता अखिलेश नेमा ने अपनी याचिका में जो तर्क दिया उसके अनुसार पंचायत विभाग के आचरण नियम में दो से अधिक संतान होना कोई कदाचरण नहीं था। तीसरी संतान का जन्म 2018 में शासन के अंतर्गत शिक्षक के कैडर में संविलियन होने के पहले हुआ था, बावजूद इसके उसकी वेतन वृद्धि रोक दी गई। इस पर आवेदक का कहना है कि उक्त आदेश न केवल याचिकाकर्ता को सुनवाई का अवसर दिए बिना पारित किया गया है, बल्कि अवैधानिक भी है। मामले की सुनवाई के बाद जस्टिस संजय द्विवेदी की पीठ ने राज्य सरकार और आयुक्त पंचायत विभाग को अपना जवाब पेश करने के निर्देश दिये हैं।