झाबुआ, विजय शर्मा
जिले के राजस्व न्यायालय के फैसलों की प्रमाणित प्रति के लिये संबंधित पक्षकार को इंतजार या कलेक्टर कार्यालय के चक्कर नहीं काटने पड़ेंगे। 1 अगस्त से यह सुविधा निर्धारित शुल्क पर लोगों को अपने घर से या घर के पास ही मिलनें लगेगी। कलेक्टर प्रबल सिपाहा ने अवगत कराया कि मध्य प्रदेश भू- राजस्व सहिंता, भू सर्वेक्षण तथा भू- अभिलेख नियम 2020 के नियम 94 व 105 के अधीन इलेक्ट्रॉनिक स्वरूप में उपलब्ध अभिलेखों की प्रमाणित प्रतिलिपि को 1 अगस्त से प्राधिकृत एवं प्राधिकृत सेवा प्रदाता जैसे लोक सेवा केन्द्र एम.पी. ऑनलाईन एवं तहसील कार्यालय में स्थित आई.टी. सेन्टर के माध्यम से मिलना प्रारम्भ हो जाएगी।
इस सुविधा का लाभ संबंधित निर्धारित शुल्क अदाकर उसी समय प्राप्त कर सकता है। शुल्क रहेगा इस प्रकारअधीक्षक भू-अभिलेख, सुनील कुमार राणा ने अवगत कराया कि वर्तमान में 1 अक्टूम्बर 2016 के बाद के समस्त राजस्व प्रकरणों में पारित आदेश एवं अधिकार अभिलेख पंच साला खसरा और नामांतरण पंजी को इसके तहत प्राप्त किया जा सकता है। इसके लिये निर्धारित शुल्क को संबंधित पक्षकार को लोक सेवा केन्द्र एमपी, आनलाईन एवं आईटी सेन्टर पर अदा करना होगा।
इसके लिये संबंधित रेकार्ड के प्रथम पृष्ठ के लिये 30 रूपयें और प्रत्येक अतिरिक्त पृष्ठ के लिये 15 रूपये निर्धारित किया गया है। अपर कलेक्टर सुखपालसिंह चौहान ने जिले के समस्त तहसीलदारों को एक परिपत्र जारी कर निर्देश दिये है कि मध्य प्रदेश भू-राजस्व संहिता (भू सर्वेक्षण तथा भू-अभिलेख) नियम 2020 के नियम 94 एवं 105 के अधीन इलेक्ट्रॉनिक स्वरूप में उपलब्ध अभिलेखों की प्रमाणित प्रतिलिपियों को प्राधिकृत सेवा प्रदाता के माध्यम से 4 अगस्त 2020 से जारी किया जाए।
इस कार्य में नये अभिलेख वे होंगे जिन्हें रिकार्ड रूम से स्कैन कर उचइीनसमा पोर्टल पर अपलोड किया जा चुका है तथा आरसीएमएस पोर्टल पर उपलब्ध राजस्व प्रकरणों में पारित आदेश की प्रति होगी। इस सेवा का सुभारम्भ 4 अगस्त से कलेक्टर, राजस्व अधिकारी एवं जनप्रतिनिधि के माध्यम से नागरिकों को अभिलेखों की प्रतिलिपि स्थानीय इलेक्ट्रॉनिक एवं प्रिंट मीडिया के उपस्थिति में कोविड-19 के दिशा – निर्देशों को पालन करते हुवे प्रदान की जाएगे।