अपनी मांग को लेकर अन्नदाताओं ने किया आगामी उपचुनाव में मतदान का बहिष्कार, जानिए पूरा मामला

खंडवा, सुशील विधाणी।  जिले के मांधाता क्षेत्र में किसानों को अपनी फसल बीमा की राशि नहीं मिलने को लेकर और उसके विरोध स्वरूप अब किसान सड़कों पर उतर गए हैं। आने वाले दिनों में मांधाता विधानसभा क्षेत्र में चुनाव होना है लेकिन बीजेपी के लिए एक बड़ी संकट की घड़ी देखने को मिल रही है, जहां किसान बीमा राशि को लेकर किसानों ने सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। यहां तक की किसानों ने फसल बीमा को लेकर सीएम के घेराव की बात कही है। क्षेत्र के किसान फसल बीमा की राशि नहीं मिलने के चलते कृषि विभाग के कार्यालय पहुंचे, जहां किसानों ने कृषि विभाग के अधिकारियों से दोबारा सर्वे कराए जाने की मांग की है। किसानों का कहना है कि उनके गांव के साथ-साथ पुनासा क्षेत्र के लगभग 25 गांवों के किसानों को फसल बीमा का लाभ नहीं दिया गया। जबकि उन्हें नुकसान होने के चलते 25 प्रतिशत मुआवजा राशि मिली थी। किसानों ने मुख्यमंत्री का घेराव कर आने वाले विधानसभा उपचुनाव का बहिष्कार करने की चेतावनी दी है।

पुनासा के किसान फसल बीमा की राशि नहीं मिलने के चलते सरकारी कार्यालय के चक्कर लगा रहे हैं, पुनासा के सोमगांव से आए किसानों ने कहा कि हमारी 2019 की फसल पूरी तरह खराब हो गई थी, इसके लिए हमें शासन ने 25 प्रतिशत मुआवजा भी दिया था। लेकिन इस बार जब फसल बीमा मिला तो पता चला कि हमारा पूरा गांव इससे बाहर हो गया है। गांव के किसी किसान को फसल बीमा का एक रुपये भी नहीं मिला है। ऐसे में किसान प्रति हेक्टेयर 25 हजार रुपए बीमा राशि की मांग कर रहे हैं। अब किसानों की मांग है कि शासन जांच कराए और फसल नुकसान का सही आंकलन कर किसानों को फसल का बीमा दें। मांग पूरी नहीं होने पर किसानों ने मुख्यमंत्री के कार्यक्रम स्थल पर जाकर मुख्यमंत्री का घेराव करने की बात भी कही है। किसानों ने शासन प्रशासन को यह चेतावनी दी है कि अगर क्षेत्र के किसानों को फसल बीमा का लाभ नहीं मिला तो आगामी विधानसभा उपचुनाव में हम मतदान का बहिष्कार करेंगे।


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Gaurav Sharma

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पत्रकारिता पेशा नहीं ज़िम्मेदारी है और जब बात ज़िम्मेदारी की होती है तब ईमानदारी और जवाबदारी से दूरी बनाना असंभव हो जाता है। एक पत्रकार की जवाबदारी समाज के लिए उतनी ही आवश्यक होती है जितनी परिवार के लिए क्यूंकि समाज का हर वर्ग हर शख्स पत्रकार पर आंख बंद कर उस तरह ही भरोसा करता है जितना एक परिवार का सदस्य करता है। पत्रकारिता मनुष्य को समाज के हर परिवेश हर घटनाक्रम से अवगत कराती है, यह इतनी व्यापक है कि जीवन का कोई भी पक्ष इससे अछूता नहीं है। यह समाज की विकृतियों का पर्दाफाश कर उन्हे नष्ट करने में हर वर्ग की मदद करती है। इसलिए पं. कमलापति त्रिपाठी ने लिखा है कि," ज्ञान और विज्ञान, दर्शन और साहित्य, कला और कारीगरी, राजनीति और अर्थनीति, समाजशास्त्र और इतिहास, संघर्ष तथा क्रांति, उत्थान और पतन, निर्माण और विनाश, प्रगति और दुर्गति के छोटे-बड़े प्रवाहों को प्रतिबिंबित करने में पत्रकारिता के समान दूसरा कौन सफल हो सकता है।

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