भोपाल।
ईओडब्ल्यू की इंटेलिजेंस विंग प्रदेश में सक्रिय चिटफंड कंपनियों की जानकारी जुटा रही है। अब तक 27 से ज्यादा चिटफंड कंपनियों को टारगेट पर लिया गया है। और उनके खिलाफ सबूत जुटाए जा रहे हैं। ईओडब्ल्यू की स्पेशल टीम चिटफंड कंपनियों से जुड़े मामलों की तेजी से जांच कर रही है। ईओडब्ल्यू ने सबसे पहले सागर की चिटफंड कंपनियों को रडार पर लिया। सबूत जुटाने के बाद कुछ महीने पहले सागर की 6 चिटफंड कंपनियों के डायरेक्टरों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई थी। अब टीम कंपनियों से जुड़े लोगों और डायरेक्टरों से पूछताछ कर रही है।
निशाने पर हैं 27 से ज्यादा कंपनियां
ईओडब्ल्यू के अधिकारियों ने बताया कि कई कंपनियों के खिलाफ शिकायतें भी मिली हैं। उन शिकायतों की जांच के साथ-साथ ईओडब्ल्यू की टीम प्रदेश में सक्रिय चिटफंड कंपनियों की जानकारियां जुटा रही हैं। सागर में दर्ज एफआईआर की जांच चल रही है। और दूसरी चिटफंड कंपनियों को रडार पर लिया जा रहा है। अभी तक की जांच में ईओडब्ल्यू ने प्रदेश में सक्रिय 27 से ज्यादा चिटफंड कंपनियों को चिन्हित किया है। इन सभी कंपनियों के कामों पर नजर रखी जा रही है। उनसे जुड़े दस्तावेजों को खंगाला जा रहा है। ईओडब्ल्यू के अधिकारियों ने यह भी बताया कि जब इन कंपनियों के खिलाफ पुख्ता सबूत मिल जाएंगे, तभी इनके खिलाफ एफआईआर दर्ज की जाएगी। अभी इन सभी चिटफंड कंपनियों पर ईओडब्ल्यू की
इंटेलिजेंस विंग की नजर है। जांच के बाद पिनकॉन ग्रुप की 6 चिटफंड कंपनियों पिनकॉन सिक्योरिटीज लिमिटेड, एलआरएन फाइनेंस लिमिटेड, ग्रीनेज फूड प्रोडक्ट लिमिटेड, एलआरएन यूनिवर्स कंपनी लिमिटेड, यूनिवर्सल मल्टीस्टेट क्रेडिट को-ऑपरेटिव सोसायटी लिमिटेड और उत्कल मल्टीस्टेट क्रेडिट को-ऑपरेटिव सोसायटी लिमिटेड के डायरेक्टरों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई थी। इस एफआईआर में 30 से ज्यादा आरोपी बनाए गए थे। आरोप है कि तमाम कंपनियों ने निवेश के नाम पर लोगों के साथ 12 करोड़ की धोखाधड़ी की है।