मंदसौर, राकेश धनोतिया। एमपी कांग्रेस द्वारा पेट्रोल-़़डीजल की कीमतों में वृद्धि को लेकर आज शनिवार 20 फरवरी को प्रदेश व्यापी बंद का ऐलान किया गया था, लेकिन मंदसौर जिले में इसका खास असर नहीं पड़ा। इसका सबसे ठोस उदाहरण तो मंदसौर जिले की सबसे बड़ी व्यापारी नगरी कहलाने वाली शामगढ़ से सामने आया है। यहां इक्का-दुक्का दुकानों को छोड़कर सारी दुकाने खुली रहीं।
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दरअसल, शुक्रवार को कांग्रेस के नेताओं और कार्यकर्ताओं ने आह्वान किया था की सुबह से लेकर 2:00 बजे तक सभी व्यापारी और दुकानदार अपना व्यवसाय बंद कर लगातार बढ़ रही महंगाई के विरोध में अपना विरोध दर्ज कराएं और अपना व्यवसाय बंद रखें। परंतु मंदसौर जिले के कुछ ही क्षेत्रों में बंद का असर दिखाई दिया, अन्य कई क्षेत्रों में इसका कोई असर नहीं पड़ा।
इसका सबसे ठोस उदाहरण तो मंदसौर जिले की सबसे बड़ी व्यापारी नगरी कहलाने वाली शामगढ़ से सामने आया है। यहां इक्का-दुक्का दुकानों को छोड़कर सारी दुकाने खुली रहीं, कहीं भी किसी भी प्रकार से कांग्रेस द्वारा बुलाए गए बंद का समर्थन नहीं दिखा। कांग्रेस द्वारा बुलाए गए बंद को शामगढ़ वासियों ने सिरे से नकारते हुए अपनी दुकानें खोलकर अपना व्यवसाय सुचारू रूप से जारी रखा। इस क्षेत्र में बंद का कोई असर नही दिखा।
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वहीं कांग्रेस के द्वारा दोपहर 12:30 बजे बाद राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन, तहसीलदार आर एल मुनिया एंव थाना प्रभारी अरविंद सिंह राठौर को दिया गया। वहीं दूसरी ओर गरोठ में भी कांग्रेस कार्यकर्ताओं के द्वारा अनोखा प्रदर्शन देखने को मिला। वहां पर कांग्रेसी कार्यकर्ताओं ने गैस की टंकी को माला पहनाकर एवं चूल्हे पर चाय बनाकर पेट्रोल डीजल एवं रसोई गैस की बेतहाशा मूल्य वृद्धि का विरोध दर्ज कराया।