मंदसौर। तरुण राठौर| नगरवासियों ने इस महामारी के इस दौर में लाकडाउन का पालन करते हुए घर के बाहर दीप लगाकर रामनवमी का त्योहार मनाया। क्योंकि इस समय कोरोना वायरस के कारण देशभर में मंदिर बंद हैं। प्रशासन ने लाकडाउन लगा रखा है। जिसका पालन करते हुए नगरवासी अपने घरों में बंद है। जिसके चलते ऐसा पहली बार हुआ है कि पूरे देश में सभी धर्मस्थलों को बंद करने के सरकारी आदेश हुए हो। लोगों ने इस आदेश में सरकार का साथ दिया और मंदिरों की जगह घरों में ही पूजा पाठ किये। खास बात ये है कि बंद के दौरान लोगों ने राम नवमी को अलग ढंग से उत्साह के साथ मनाया।
नवरात्रि में शहर की सड़कों पर हर साल श्रद्धालुओं का तांता लगा रहता था । शाम ढलते ही इनकी संख्या बढ़ जाती थी । श्रद्धालु देवी दर्शनों के लिए परिवार के साथ निकल जाते थे । श्रद्धालु पैदल या लेटकर, माँ लालछा, माँ भादवरानी सहित अन्य देवियों के दर्शनों के लिए निकल पड़ते थे और पूरी रात ये सिलसिला जारी रहता था। लेकिन इस बार ऐसा नहीं हुआ। लोग दूर दराज के मंदिर ही नहीं मोहल्ले और कॉलोनी के मंदिर पर भी दर्शनों के लिए नहीं जा सके। लॉक डाउन के चलते मंदिरों पर ताले थे। लोगों ने नौ दिन घर में ही देवी आराधना की। इस बार कन्या भी नहीं खिलाई गई। लोगों ने या तो गाय को या गरीब को या परिवार में ही कन्याओं को भोजन कराया। इतना ही नहीं नौ दिन तक देवी की पूजा कर देश में आये संकट को टालने की प्रार्थना की। उधर राम नवमी पर हर साल रहने वाला उत्साह शहर में दिखाई नहीं हुआ। मंदिरों में पुजारियों ने ही भगवान राम का जन्मोत्सव मनाया। लेकिन दोपहर ढलते ही अपना व्हाट्स एप पर एक मैसेज वायरल होने लगा कि भगवान राम का जन्मोत्सव हम सबको मनाना है इसलिए सभी लोग अपने घर के दरवाजे पर साढ़े सात बजे नौ दीपक जलाएं। वायरल मैसेज का असर हुआ और लोगों ने ठीक साढ़े सात बजे दीपक जाकर भगवान राम का जन्मोत्सव मनाया। उधर कुछ लोगों ने भगवान राम का चित्र अपने सोशल मीडिया एकाउंट के डीपी पर लगाकर भगवान को याद किया। कुल मिलाकर हिंदू धर्म में आस्था रखने वालों ने देश पर आये संकट के बीच प्रधानमंत्री की अपील को मानते हुए घर में ही रहकर त्योहार मनाये और देश में खुशखाली के लिए प्रार्थना की।