जबलपुर,संदीप कुमार। प्रदेश में माफिया (Mafia) पर चल रही कार्रवाई के बीच खनिज विभाग (Mining Department) भी खनन माफिया (Mining Mafia) पर अपने स्तर पर नकेल कसने की तयारी कर रहा है। रॉयल्टी की चोरी कर सरकार को करोड़ों रुपये का चूना लगाने वाले खनन माफिया पर सरकार शिकंजा कसने जा रही है,इसके लिए प्रदेश के खनिज विभाग ने जल्द ही एक मोबाइल एप (Mobile App) को लॉन्च करने का ऐलान किया है। इस एप के जरिए उन गाड़ियों की निगरानी हो सकेगी जो बिना रॉयल्टी चुकाए ही बेधड़क फर्राटा भरते हैं।
एक दिवसीय दौरे पर जबलपुर पहुंचे प्रदेश के खनिज एवं श्रम मंत्री बृजेंद्र प्रताप सिंह (Brajendra Pratap Singh)ने सर्किट हाउस में खनिज और श्रम विभाग के अधिकारियों से साथ समीक्षा बैठक की। इस दौरान खनिज मंत्री ने कहा है कि विभाग एक ऐसा एप बना रहा है जो खनन माफिया पर पैनी नजर रखेगा। उन्होंने बताया कि इस एप के जरिए रॉयल्टी न चुकाने वाले ठेकेदारों की शिनाख्त तो होगी ही साथ ही गाड़ियों की भी निगरानी हो सकेगी। खनिज मंत्री ने पूर्व की कमलनाथ सरकार द्वारा लाए गए एक जिला एक समूह नीति को खामियों से भरा करार दिया, उन्होंने इस नीति में बदलाव की जरूरत पर जोर देते हुए कहा है कि कमलनाथ सरकार द्वारा 3 साल के लिए बनाई गई नीति विसंगतिपूर्ण है।
रेत नीति में किया जाएगा बदलाव
खनिज मंत्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह ने कहा है कि एक निश्चित समय के बाद रेत नीति में बदलाव किया जाएगा। प्रदेश के खनिज मंत्री बृजेंद्र प्रताप सिंह ने कहा है कि खनिज से जुड़े छोटे और बड़े उद्योगों की स्थापना में सरकार ने अपनी नीतियों में अनेक फेरबदल किए हैं जिसका सीधा फायदा स्थानीय निवासियों को मिलने लगा है।
खनिज ठेकेदारों को संरक्षण देना है प्रदेश सरकार का दायित्व
खनिज मंत्री ने कहा है कि प्रदेश में कहीं भी खनिज से संबंधित उद्योगों की स्थापना होगी तो 75 फीसदी स्थानीय निवासियों को रोजगार के अवसर मुहैया कराए जाएंगे। उन्होंने यह भी कहा है कि सरकार का साथ देने और नियमों का पालन करने वाले ठेकेदारों को संरक्षण देना प्रदेश सरकार का दायित्व है और इस दिशा में सरकार काम कर रही है।
कैलाश विजयवर्गीय के बयान पर मिलाए सुर से सुर
भाजपा के वरिष्ठ नेता और पश्चिम बंगाल के प्रभारी कैलाश विजयवर्गीय द्वारा मध्य प्रदेश की कलानाथ सरकार गिराने में प्रधानमंत्री मोदी का हाथ होने के बयान पर खनिज मंत्री ने कहा कि जब तक शीर्ष नेताओं का सहयोग नहीं मिलता तब तक जनहित के काम सफल नहीं हो सकते।