मुरैना। बीजेपी में मंडल अध्यक्षों की नियुक्ति को लेकर घमासान मचा हुआ है। स्थानीय नेता मंडल अध्यक्ष समेत कई पदों पर अपनी दावेदारी पेश कर रहे हैं। बुधवार को मुरैना के 27 मंडलों में से 24 मंडलों के अध्यक्षों की घोषणा कर दी गई। वहीं सिहौनिया, जौरा ग्रामीण और कैलारस मंडलों के अध्यक्षों की घोषणा अभी होनी बाकी है। लेकिन इसमें पार्टी का एज फॉर्मूला पूरी तरह फेल रहा। यहां अधिकतर मंडल अध्यक्षों ने पद पाने के चक्कर में उम्र के गलत दस्तावेज लगाए और अपने आप को अंडर 40 बताया है। 24 में से 10 मंडल अध्यक्षों की उम्र 40 से अधिक है लेकिन पार्टी ने उन्हें अंडर 40 माना है।
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक नेपरी (कैलारस) के मंडल अध्यक्ष हरिविलास धाकड़ की उम्र भाजपा की सूची में 39 साल दर्ज है जबकि उनका बेटा सर्वेंद्र धाकड़ (30) भाजयुमो नेपरी मंडल में उपाध्यक्ष है। इस लिहाज से 9 साल की उम्र में ही हरिविलास पिता बन गए। इसी तरह सबलगढ़ ग्रामीण के अध्यक्ष प्रमोद जादौन की उम्र भाजपा की सूची में 38 साल दर्ज है जबकि वर्ष 2014 में रजिस्टर्ड उनकी परिवार आईडी में उम्र 42 वर्ष दर्ज है, इस लिहाज से वे 47 साल के हो गए। रोचक बात यह है कि पार्टी को गुमराह करने के साथ ही उन्होंने अपने एफबी अकाउंट पर अपनी जन्मतिथि बदलकर 1981 कर दी लेकिन शादी की तारीख (1996) बदलना भूल गए। एफबी रिकॉर्ड के अनुसार 1981 में जन्मे प्रमोद की शादी मात्र 15 साल में हो गई जबकि उनके बड़ी बेटी अंकिता की उम्र 25 साल है। इसी तरह मुरैना ग्रामीण के मंडल अध्यक्ष रामलखन छावई की सूची में उम्र 37 वर्ष है लेकिन उनकी फेसबुक आईडी में जन्मतिथि 7 अगस्त 1976 दर्ज है। वहीं सुमावली के अनार सिंह कुशवाह की आयु सूची में 39 साल है लेकिन उनकी फेसबुक आईडी में जन्मतिथि 10 जुलाई 1978 दर्ज है।
उम्र के इस हेरफेर के चक्कर में कई स्थानीय नेताओं का पत्ता कट गया है, जिसके चलते बगावत के सुर तेजी से फूट रहे है। चुंकी मंडल अध्यक्ष के लिए 35 साल तक की उम्र रखी गई थी। साथ ही विशेष परिस्थितियों में 40 साल तक का अध्यक्ष बनाने की शर्त थी।लेकिन यहां तो उम्र के क्राइटेरिया को ही दरकिनार कर दिया गया है और उन्हें अध्यक्ष बना दिया गया है।जिसको लेकर सवाल खड़े हो रहे है।