Morena News : बाल संप्रेक्षण गृह से भागे चार बच्चे, सुरक्षा गार्ड को नहीं लगी भनक

Atul Saxena
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मुरैना, संजय दीक्षित।  मुरैना जिले के नैनागढ़ रोड स्थित बाल संप्रेक्षण गृह (बच्चों की जेल) (child observation home) से चार किशोर भाग गए। बताया गया है कि संप्रेक्षण गृह का एक दरवाजा खुला रहने के कारण चार किशोरों को भागने का मौका मिल गया। खास बात ये है कि बाल संप्रेक्षण गृह पर सुरक्षा के पर्याप्त इंतजाम हैं फिर भी बच्चे चकमा देकर भाग गए।

जानकारी के अनुसार शनिवार की दोपहर के करीब बाल संप्रेक्षण गृह के चार किशोर भाग गए। गौरतलब है कि  संप्रेक्षण गृह में एसएएफ का 1-4 का गार्ड तैनात था, इसके अलावा नगर सैनिक का एक सुरक्षाकर्मी भी पदस्थ है। इतनी भारी सुरक्षा के बीच चार अपचारी किशोर भागने से हड़कंप मच गया है। बताया जा रहा है कि कोई दरवाजा खुला रह गया, जिससे चारों अपचारी किशोर निकले और एक सुरक्षा गार्ड को झांसा देते हुए मेन गेट से निकल कर भाग गए हैं।

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बता दे कि मुरैना बाल संप्रेक्षण गृह से  किशोरों के भागने की यह पहली घटना नहीं है, इससे पहले भी कई बार ऐसी घटनाएं हो चुकी है। बाल संप्रेक्षण गृह के अधीक्षक द्वारा बताया गया है कि जो बच्चे भागे है इनमें से तीन भिंड जिले के हैं जो हत्या के प्रयास मैं बाल संप्रेक्षण गृह में बंद थे। इसके अलावा एक ग्वालियर क्षेत्र का है जो चोरी का आरोपी बताया जा रहा है। इन चारों को दरवाजा खुला मिला तो पूरी प्लानिंग के साथ मिलकर भागे हैं। घटना के दूसरे दिन पुलिस हरकत में आई। कोतवाली पुलिस टीम रविवार की सुबह संप्रेक्षण गृह पहुंची और पूछताछ में जुट गई है।

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पत्रकारिता मेरे लिए एक मिशन है, हालाँकि आज की पत्रकारिता ना ब्रह्माण्ड के पहले पत्रकार देवर्षि नारद वाली है और ना ही गणेश शंकर विद्यार्थी वाली, फिर भी मेरा ऐसा मानना है कि यदि खबर को सिर्फ खबर ही रहने दिया जाये तो ये ही सही अर्थों में पत्रकारिता है और मैं इसी मिशन पर पिछले तीन दशकों से ज्यादा समय से लगा हुआ हूँ....पत्रकारिता के इस भौतिकवादी युग में मेरे जीवन में कई उतार चढ़ाव आये, बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ा लेकिन इसके बाद भी ना मैं डरा और ना ही अपने रास्ते से हटा ....पत्रकारिता मेरे जीवन का वो हिस्सा है जिसमें सच्ची और सही ख़बरें मेरी पहचान हैं ....

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