गरीबों के हक पर डाका डाल रहा सेल्समैन, शिकायत के बावजूद अधिकारी मौन

मुरैना,नितेंद्र शर्मा। सार्वजनिक वितरण व्यवस्था पूरी तरह से चौपट है। जनवितरण प्रणाली पर काबिज राशन माफिया गरीबों के हक का राशन डकार कर मालामाल हो रहे हैं। और जिम्मेदार आँख मूंदकर बैठे है। सरकार भले ही हर गरीब को सरकारी सुविधाएं-संसाधन मुहैया कराने की योजनाएं बनाती रहे, सरकार गरीबों के लिए कितना भी मुफ्त राशन मुहैया करा दे लेकिन जब सेल्समैन का पेट भरेगा तब तो आगे जनता तक पहुंचेगा। इस भ्रष्ट तंत्र के मकड़जाल में उलझकर लक्ष्य से भटक जाना तमाम योजनाओं की नियति बन गई है। हर गरीब तक अनाज पहुंचाने के लिए सरकार ने राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा योजना तैयार की है। मगर उसके बावजूद भी हितग्राही को उसका लाभ नहीं मिल रहा है ऐसा ही एक मामला मध्यप्रदेश के मुरैना (Morena) जिले के सबलगढ़ तहसील के ग्राम जावरौल का है, जहाँ ग्रामीणों को 7 महीने से राशन नहीं मिला है।

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Amit Sengar

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मुझे अपने आप पर गर्व है कि में एक पत्रकार हूँ। क्योंकि पत्रकार होना अपने आप में कलाकार, चिंतक, लेखक या जन-हित में काम करने वाले वकील जैसा होता है। पत्रकार कोई कारोबारी, व्यापारी या राजनेता नहीं होता है वह व्यापक जनता की भलाई के सरोकारों से संचालित होता है। वहीं हेनरी ल्यूस ने कहा है कि “मैं जर्नलिस्ट बना ताकि दुनिया के दिल के अधिक करीब रहूं।”