मंडला।
बीजेपी के साथ साथ कांग्रेस में भी बग़ावत के सुर तेजी से फूट रहे है।पार्टी नेता अब भी विरोधियों को मनाने में कामयाब नही हो पा रहे है, लिहाजा नेता तेजी से दल बदल रहे है। अब मंडला उम्मीदवार कमल मरावी के विरोध में महिला कांग्रेस की दो ब्लॉक अध्यक्षों सहित चार महिला सरपंचों ने पार्टी से इस्तीफ़ा दे दिया है।वही उन्होंने बीजेपी ज्वाइन कर ली। इस घटनाक्रम से कांग्रेस में हड़कंप मच गया है। इधर, बीजेपी ने यहां से एक बार फिर वर्तमान सांसद फग्गन सिंह कुलस्ते पर भरोसा जताया है।
दरअसल, भाजपा की सुरक्षित सीट मंडला में कांग्रेस ने बड़ा सियासी दांव खेलते हुए गोंडवाना गणतंत्र पार्टी (गोंगपा) के बड़े नेता रहे कमल मरावी को प्रत्याशी बनाया है। कांग्रेस को भरोसा है कि मरावी के जरिए वह अपने उस वोट बैंक को वापस हासिल कर लेगी, जो करीब डेढ़ दशक में उससे छिटक गया था। लेकिन कई स्थानीय नेताओं द्वारा इसका विरोध किया जा रहा है। विरोध के स्वर इतने तेज हुए कि आज गुरुवार को कांग्रेस की दो ब्लॉक अध्यक्षों सहित चार महिला सरपंचों ने पार्टी से इस्तीफ़ा दे दिया है औऱ बीजेपी ज्वाइन कर ली है।अमरपुर ब्लॉक अध्यक्ष रमा देवी और गाड़ासरई ब्लॉक अध्यक्ष जयंती मार्को कांग्रेस छोड़कर बीजेपी ज्वाइन कर ली है। इससे पहले महिला कांग्रेस ज़िलाध्यक्ष रूपा उरैती सहित सभी महिला ब्लॉक अध्यक्षों ने अपने पद से इस्तीफ़ा दिया था।
वहीं भाजपा ने वर्तमान सांसद फग्गन सिंह कुलस्ते को फिर से मैदान में उतारा हैं।मंडला लोकसभा सीट से फग्गन सिंह कुलस्ते पांच बार सांसद रह चुके हैं। वो अटल बिहारी वाजपेयी और वर्तमान की मोदी सरकार में मंत्री रह चुके हैं। फग्गन सिंह आदिवासी वोट बैंक को साधकर लंबे समय से जीत सुनिश्चित करते आए हैं, लेकिन 2019 में इस प्रदर्शन को दोहरा पाना कुलस्ते के लिए आसान नहीं होगा।चुंकी कांग्रेस पार्टी ने इसबार गोंडवाना गणतंत्र पार्टी से कांग्रेस में शामिल हुए कमल मरावी को मंडला लोकसभा से टिकट देकर बड़ा दांव खेला है।करीब तीन साल पहले ही कांग्रेस में आए मरावी की बिछिया विधानसभा क्षेत्र में जड़ें खासी गहरी हैं।