MP News: आबकारी अधिकारी के आगे नतमस्तक मंत्री जी का आदेश

Kashish Trivedi
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आबकारी आयुक्त

भोपाल/मुरैना, डेस्क रिपोर्ट। मध्यप्रदेश (madhya pradesh) में अधिकारी ना सीएम शिवराज (cm shivraj) की बातों को मान्य दे रहे हैं और ना ही उनके मंत्रियों को। लगातार अधिकारियों द्वारा राज्य शासन के निर्देश को नकारते हुए देखा जा रहा है। ऐसा ही एक मामला जहरीली शराब कांड से जुड़ा अब मुरैना (muraina) जिले के सामने आया है। जहां वाणिज्यकर मंत्री जगदीश देवड़ा (jagdish devda) द्वारा जहरीले शराब कांड में ग्वालियर संभाग के डिप्टी कमिश्नर शैलेश सिंह (shailesh singh) को हटाने के आदेश दिए गए थे। बावजूद इसके अब तक डिप्टी कमिश्नर पर कोई कार्रवाई नहीं की गई है।

दरअसल वाणिज्यकर मंत्री जगदीश देवड़ा द्वारा 13 जनवरी को ही ग्वालियर संभाग के डिप्टी कमिश्नर शैलेंद्र सिंह को हटाए जाने के आदेश जारी किए गए थे। जहां ट्विटर पर पोस्ट करते हुए उन्होंने लिखा था कि मुरैना शराब कांड मामले में किसी भी दोषी को बख्शा नहीं जाएगा। वहीं उन्होंने सब इंस्पेक्टर दिनेश निगम को भी निलंबित करने की की बात कही थी।

इस मामले में आबकारी आयुक्त राजीव दुबे (rajiv dubey) का कहना है कि उन्हें वाणिज्यकर मंत्री जगदीश देवड़ा के पोस्ट के विषय में कोई जानकारी नहीं है। इतना ही नहीं इस मामले में आबकारी आयुक्त राजीव दुबे का कहना है कि वह इस मामले में कोई टिप्पणी नहीं करना चाहते और ना ही वह इसमें कुछ कह सकते हैं। ज्ञात हो कि मुरैना में जहरीली शराब के कारण हुई मौत के बाद सरकार की टीम ने जांच के लिए मुरैना और ग्वालियर पहुंची थी। जहां जांच में आबकारी विभाग द्वारा कई साल से नकली शराब और एमआरपी में अधिकतम पर शराब बेची जाने के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं किए जाने का मामला सामने आया था।

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हालांकि इसके बाद संभागीय आयुक्त आशीष सक्सेना ने 12 जनवरी को जांच कमेटी का गठन किया था। जिसमें ग्वालियर संभाग के डिप्टी कमिश्नर शैलेंद्र सिंह भी शामिल थे। वहीं कमेटी के द्वारा राज्य शासन को ग्वालियर संभाग के डिप्टी कमिश्नर शैलेंद्र सिंह के मामले में दोषी होने की बात कही गई थी। जिसके बाद मंत्री जगदीश देवड़ा द्वारा उन्हें दोषी माना गया था और इस मामले में पोस्ट कर उनके खिलाफ एक्शन लेने की बात कही गई थी।

हालांकि यह पहला मामला नहीं है। जब ग्वालियर संभाग के डिप्टी कमिश्नर शैलेंद्र सिंह को किसी मामले में दोषी माना गया। इससे पहले 3 फरवरी 2020 को तत्कालीन आबकारी आयुक्त राजेश बहुगुणा ने वाणिज्य कर विभाग के मुख्य सचिव को रिपोर्ट भेज कर शैलेंद्र सिंह पर सरकार को 5 करोड 66 लाख 3 हजार 460 रुपए का नुकसान पहुंचाने का आरोप लगाया था। वही तत्कालीन आबकारी आयुक्त राजेश बहुगुणा ने उनके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई किए जाने की भी मांग की थी। उस समय भी शैलेंद्र सिंह पर ठेका समूह के पूर्ण निष्पादन की कार्रवाई के दौरान शासन को नुकसान पहुंचाने के आरोप लगे थे।


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