MP News: प्रदेश में आयुर्वेद को बढ़ावा देने के लिए उज्जैन में पहले राष्ट्रीय आयुर्वेद संस्थान की स्थापना की जा सके। इसके लिए प्रदेश सरकार द्वारा प्रयास जारी हैं।वहीं इसकी कड़ी में मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की ओर से केंद्रीय आयुष मंत्री सर्बानंद सोनोवाल को एक अर्धशासकीय पत्र भेजा गया है। इसे देखते हुए आयुष सचिव ने राज्य शासन को इसके लिए एनओसी जारी कर दी है। दरअसल इसके लिए आगर रोड व मंगलनाथ रोड पर जमीन उपलब्ध है। आपको बता दें की आयुर्वेद कॉलेज को करीब ढाई बीघा जमीन का आवंटन जिला प्रशासन की ओर से किया जा चुका है।
दरअसल इस संस्थान का उपयोग ऑल इंडिया इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज (एआईआईएमस) की तर्ज पर ऑल इंडिया इंस्टीट्यूट ऑफ आयुर्वेद (एआईआईए) की तरह ही हो सकेगा। इसके लिए इसकी स्थापना कराए जाने की कोशिश की जा रही है। दरअसल अब ऐसी उम्मीद भी की जा रही है कि लोकसभा चुनाव के बाद इसके प्रयास और तेज होंगे और जल्द ही उज्जैन को इसकी सौगात मिलेगी।
जानकारी दे दें की अगर ऐसा होता है तो आने वाले समय में एआईआईए में आयुर्वेद की 20 बाह्य रोगी विभाग (ओपीडी) और सुपर स्पेशलिटीज का अस्पताल व सुविधाएं इसके अलावा करीब 6 ऑपरेशन थियेटर का संचालन किया जा सकेगा। यानी मरीजों की प्राथमिक जांच होने के साथ साथ जटिल प्रकार के ऑपरेशन भी हो किए जा सकेंगे।
संस्थान की सुविधाएं:
दरअसल उज्जैन में आयुर्वेदिक अस्पताल व महाविद्यालय होगा। संस्थान में 500 बेड का अस्पताल, 20-25 स्पेशलिटी विभाग, 10-12 क्लीनिक, रिसर्च लैब, और आयुर्वेद औषधि सेंटर होंगे। इस संस्थान में मरीजों का पंचकर्म मुफ्त में होगा। गर्भवती महिलाओं की सीजर से डिलीवरी भी हो सकेगी। मरीजों के इलाज के लिए प्राचीन और आधुनिक यंत्रों का उपयोग किया जाएगा।