सांसद लालवानी ने पूर्व सीएम कमलनाथ पर साधा निशाना, कहा- वो कभी खेत में गए है ?

Gaurav Sharma
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इंदौर, आकाश धोलपुरे।बीजेपी सांसद शंकर लालवानी ने पूर्व सीएम कमलनाथ और कांग्रेस पर निशाना साधा है। दरअसल, इन दिनों कांग्रेस किसानों की समस्याओं को लेकर प्रदेश की शिवराज सरकार को घेरने की कोशिश में जुट गई और उसकी एक बड़ी वजह है प्रदेश के किसानों की सोयाबीन की फसल नष्ट हो जाना और साथ ही प्रदेश में कई जिलों में बने बाढ़ के हालात के चलते अन्नदाता दुखी हो चला है ।

ऐसे में उपचुनाव की सियासत का असर भी दोनों पार्टियों पर देखा जा रहा है। जहां कांग्रेस किसानों की कर्जमाफी और मुआवजे की मांग को लेकर सड़को पर उतरने का एलान कर चुकी है वही दूसरी और सीएम शिवराज सिंह चौहान ने इंदौर में किसानों के लिये फसल बीमा से लेकर जीरो प्रतिशत ब्याज पर ऋण देने के साथ मुआवजे की घोषणा की है। बावजूद इसके प्रदेश में किसानों को हुए नुकसान को लेकर सियासी गलियारों में जमकर हलचल है और कोई भी पार्टी किसानों और खेती को मुद्दा बनाने में कोर कसर नही छोड़ना चाहती है।

इधर, मुख्यमंत्री के हालिया इंदौर प्रवास के बाद अब बीजेपी सांसद शंकर लालवानी ने भी सीएम शिवराज की बात को आगे बढ़ाते हुए कांग्रेस की 15 माह की सरकार में मुख्यमंत्री रह चुके कमलनाथ पर निशाना साधा है। इंदौर में सांसद शंकर लालवानी ने सवाल उठाया कि क्या कभी कमलनाथ ने मुख्यमंत्री रहते हुए किसानों की सुध ली थी और क्या एक बार भी वो किसी खेत में गए थे ? आज तक उन्होंने कभी खेत देखा ही नहीं किसान के पास गए ही नहीं तो उनको और कांग्रेस को क्या मालूम कि फसल कैसे और क्यों खराब होती है और किसानों का क्या दर्द है? इंदौर सांसद ने कहा कि ये तो हमारे शिवराज सिंह चौहान जी है जिन्होंने फसलों को दौरा कर हालातो को देखा है।

इंदौर आने के पहले वो खातेगांव गए और उन्होंने वहां किसानों की फसलों को देखा और जब प्रदेश में बाढ़ आई तो उन्होंने बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का दौरा एक बार नहीं बल्कि दो बार किया। वही उन्होंने कहा कि कांग्रेस नौटंकी करती है और बीजेपी किसानों की पार्टी है। वही प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को उन्होंने किसान हितैषी बताया और कहा कि वो हमेशा किसानों के दुःख दर्द में खड़े रहते है।

बता दें कि इसके पहले इंदौर में लोकरपनौर भूमिपूजन कार्यक्रम के दौरान प्रदेश के सीएम ने भी पूर्व सीएम कमलनाथ पर निशाना साधा था और कहा था कि वो घर मे रहकर ही काम करना पसंद करते है और अब किसानों की फसलों को देखने के लिए समिति बना रहे है। कुल मिलाकर उपचुनाव के पहले दोनों ही दल किसी भी स्थिति में किसान, खेती और फसल के मुद्दे पर कोई समझौता नही करना चाहते है लिहाजा अब दोनों ही तरफ से जुबानी जंग भी शुरू हो गई है।

 


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पत्रकारिता पेशा नहीं ज़िम्मेदारी है और जब बात ज़िम्मेदारी की होती है तब ईमानदारी और जवाबदारी से दूरी बनाना असंभव हो जाता है। एक पत्रकार की जवाबदारी समाज के लिए उतनी ही आवश्यक होती है जितनी परिवार के लिए क्यूंकि समाज का हर वर्ग हर शख्स पत्रकार पर आंख बंद कर उस तरह ही भरोसा करता है जितना एक परिवार का सदस्य करता है। पत्रकारिता मनुष्य को समाज के हर परिवेश हर घटनाक्रम से अवगत कराती है, यह इतनी व्यापक है कि जीवन का कोई भी पक्ष इससे अछूता नहीं है। यह समाज की विकृतियों का पर्दाफाश कर उन्हे नष्ट करने में हर वर्ग की मदद करती है।इसलिए पं. कमलापति त्रिपाठी ने लिखा है कि," ज्ञान और विज्ञान, दर्शन और साहित्य, कला और कारीगरी, राजनीति और अर्थनीति, समाजशास्त्र और इतिहास, संघर्ष तथा क्रांति, उत्थान और पतन, निर्माण और विनाश, प्रगति और दुर्गति के छोटे-बड़े प्रवाहों को प्रतिबिंबित करने में पत्रकारिता के समान दूसरा कौन सफल हो सकता है।

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