व्यापारी को NDPS में झूठा फंसाने के मामलें में पांच पुलिस कर्मी बर्खास्त..

मंदसौर, डेस्क रिपोर्ट।  एक साल पहले नीमच जिले के जावद में पदस्थ उपनिरीक्षक कमलेश गौड एवं उनकी टीम के चार आरक्षकों ने नीमच के बघाा क्षेत्र में जाकर व्यापारी अक्षय गोयल को जबरन एनडीपीएस एक्ट में फंसाने का प्रयास किया था। इस मामलें को लेकर तत्समय तत्काल विधायक यशपालसिंह सिसोदिया ने ट्वीट कर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा तथा डीजीपी को अवगत कराया था। जिसके बाद तत्काल पुलिस अधीक्षक नीमच ने कार्रवाहीं करते हुए पूरी कार्रवाहीं का पर्दाफाश किया और पुलिसकर्मीयों के मंसूबों को नाकामयाब करते हुए व्यापारी की रिहाई कराई थी और इसके बाद अब शासन ने उपनिरीक्षक समेत पांचों पुलिस कर्मीयों को सेवा से बर्खास्त कर दिया है। उल्लेखनिय है कि इससे पहले मंदसौर में पदस्थ रहे एसआई गोपाल गुणावत को भी विधायक यशपाल सिसोदिया की पहल पर ही सोना लूट कांड में पुलिस सेवा से बर्खास्त किया जा चुका है।

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एक साल पहले 17 नवम्बर 2020 की सुबह नीमच जिले के जावद थाने में पदस्थ उपनिरीक्षक कमलेश गौड़ एवं उनकी टीम द्वारा अन्य थाना बघाना क्षेत्रांतर्गत जाकर अक्षय गोयल नाम के व्यक्ति को वाहन में मादक पदार्थ मिलने की बात कह कर विधि विरुद्ध तरीके से पुलिस अभिरक्षा में लिया गया व उन्हें अशासकीय स्थान पर निजी मकान में ले जाकर रखा गया। इस संबंध में स्थानीय थाने को भी किसी प्रकार की सूचना नहीं दी गई। अक्षय गोयल के परिजनों द्वारा उनके अपहरण की आशंका व्यक्त करते हुए थाना नीमच कैंट में गुमशुदगी दर्ज कराई गई। प्राथमिक जांच के दौरान उपनिरीक्षक कमलेश गौड़, आरक्षक 08 सतीश कुशवाह, आरक्षक 230 चंदन सिंह, आरक्षक 231 कमल सिंह एवं आरक्षक 86 आनंदपाल सिंह दोषी पाए जाने से उनके विरुद्ध विभागीय जांच बिठाई गई । विभागीय जांच में पांचों पुलिस कर्मियों द्वारा लगाऐ गये आरोप सही पाऐ गये जिसके चलते उप पुलिस महनिरीक्षक रतलाम रैंज ने आज उपनिरीक्षक कमलेश गौड़, आरक्षक 08 सतीश कुशवाह, आर 230 चंदन सिंह, आर 231 कमल सिंह एवं आर 86 आनंदपाल सिंह को पुलिस सेवा से पृथक कर दिया।


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Harpreet Kaur