नीमच, कमलेश सारडा। वैसे तो विजयदशमी (Vijayadashmi) और दशहरा (Dussehra) हिंदुओं का त्यौहार माना जाता है, लेकिन बुराई पर अच्छाई की जीत के तौर पर मनाए जाने वाले इस त्योहार में कुछ लोगों द्वारा भाईचारे और एकता का भी संदेश दिया जाता है। जी हां हम बात कर रहे हैं मध्यप्रदेश (MP) के नीमच (Neemuch) की जहां एक मुस्लिम परिवार हिंदू-मुस्लिम एकता की मिसाल पेश कर रहा है। जो विगत 40 वर्षों से रावण के पुतले बना रहा है।
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दरअसल नीमच सिटी का मुस्लिम परिवार इस बार भी हर वर्ष की तरह अपने हाथों से रावण बना रहा है जो अपने आप में एक मिसाल है बता दें कि इस परिवार के 15 लोग दिन रात मेहनत कर कर रावण के पुतले तैयार करते हैं और नीमच में दशहरा उत्सव समिति द्वारा रावण का दहन किया जाता है।
नीमच सिटी के इस मुस्लिम परिवार के कारीगरों का कहना है कि रावण एक बुराई का प्रतीक था, जिसे मार कर प्रभु श्रीराम ने बुराई पर अच्छाई की जीत हासिल की, ठीक उसी तरह क्यों ना हम भी अपने अंदर की बुराइयों को खत्म करते हुवे मर्यादा पुरुषोत्तम राम के पथ पर चले और समाज में सन्देश देने के लिए पहले खुद शुरुवात करते हुवे अपने अंदर की बुराइयों को ख़त्म करे। हमारी पिछली चार पीढ़ी रावण बनाने का काम करती आ रही है, और हमें भी इस काम को में करना अच्छा लगता है। पहले हम नीमच में मात्र 41 फिट का रावण और 31-31 फिट के मेघनाथ और कुंभकरण बनाए थे पर विगत 2 साल से कोरोना के कारण हम सिर्फ 21 फीट का रावण बना रहे हैं और इस बार सिर्फ हमारे द्वारा 21 फीट का रावण बनाया गया है। इसके अलावा जीरन, मनासा और आसपास के कई क्षेत्रों के लिए भी दशहरे पर रावण बनाने का कार्य करते हैं इस कार्य में हमारे परिवार के छोटे बड़े सभी सहयोग करते हैं।