नीमच, कमलेश सारडा। पिछले साल की तुलना में इस बार नीमच (Neemuch) जिले में गेहूं की बंपर पैदावार रही। मगर गेहूं के अच्छे भाव न मिलने से किसान खुले बाजार (मंडी) में गेहूं की नीलामी करवा रहे हैं। लेकिन खास बात यह है कि नीमच जिले मैं किसानों ने समर्थन मूल्य पर गेहूं बिक्री को लेकर पंजीयन तो करवाए लेकिन किसान गेहूं बेचने के लिए वेयर हाउस नहीं पहुंचे।
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आपको बता दें कि शासन ने 31 मई मतलब आज अंतिम तारीख तय कर रखी है। बावजूद किसान समर्थन मूल्य पर गेहूं बेचने के इच्छुक नही है। वजह भी है यूक्रेन और रूस के बीच हो रहे युद्ध के कारण केंद्र सरकार ने एक्सपोर्ट पर रोक भी लगा रखी है जिसकी वजह से किसानों को खुले बाजार में अच्छे भाव मिल रहे हैं। नीमच जिले में इस साल 75 हजार मेट्रिक टन का अनुमान था लेकिन 11 हजार मेट्रिक टन ही गेहूं वेयरहाउस तक पहुंच पाया है।
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गौरतलब है कि प्रदेश सरकार ने गेहूं का समर्थन मूल्य 2015 रुपए प्रति क्विंटल तय किया हुआ है। और खुले बाजार में 2200 से लगाकर 2600 रुपए प्रति क्विंटल गेहूं बिक रहा है। खास बात यह है कि मध्य प्रदेश सरकार ने समर्थन मूल्य पर गेहूं खरीदी की अंतिम तारीख 31 मई दी हुई है ऐसे में प्रशासन के हाथों में ना के बराबर ही गेहूं पहुंच पाया है। जो ना काफी है। मतलब जो नीमच जिले में गेहूं खरीदी का लक्ष्य था वह पूरा नहीं हो पाया है।
वही कलेक्टर मयंक का अग्रवाल ने भी स्वीकारा है कि खुले बाजार में किसानों को गेहूं के भाव अच्छे मिल रहे हैं जिसकी वजह से किसान समर्थन मूल्य पर नहीं बेच रहे हैं।