Neemuch News : कमल राणा के काले कारनामे, तस्करी में कमाए रुपयों से खरीदी करोड़ों की जमीन, जानें कौन-कौन था शामिल

Amit Sengar
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Neemuch News : आज हमने दिन में बताया था की किस प्रकार से अपनी पत्नी को तलाक देकर उनके नाम पर तस्करी से पैसा कमा कर अपनी तलाकशुदा पत्नी गगा के नाम पर करोड़ों रुपए की राजस्थान में संपत्ति खरीदी थी अब इसी क्रम में हम बताने जा रहे हैं कि संपत्ति खरीदने में कमल राणा के साथ जीरन क्षेत्र के पटवारी और अन्य लोग भी कैसे मिले हुए थे इससे पूर्व में एमपीब्रेकिंग ने बताया था की पुलिस और ड्रग कार्टेल का कैसा कनेक्शन है और यह समय पर साबित भी हुआ तथा मध्य प्रदेश के 6 पुलिसकर्मी व राजस्थान के 5 पुलिसकर्मी पूरे मामले में सस्पेंड किए गए अब हम आपको बता रहे हैं कैसे नीमच जिले के पटवारी और राजस्व महकमा कमल राणा के साथ मिलकर अकूत प्रॉपर्टी का खेल खेला।

यह है पूरा मामला

मध्यप्रदेश और राजस्थान में ड्रग्स तस्कर गैंग के लीडर कमल राणा को पुलिस ने 19 जून को गिरफ्तार कर लिया है। पुलिस पूछताछ में उसने बताया कि मध्यप्रदेश और राजस्थान की पुलिस के सहयोग से वो दोनों राज्यों में अपना रैकेट चला रहा था। नीमच जिले के 6 पुलिसकर्मियों का काला चिट्‌ठा खुद राणा ने राजस्थान पुलिस की कस्टडी में उजागर किया है। वही इस पूरे रैकेट में सफेद पोश नेताओं के नाम भी बतायें जा रहे है जिसमें राणा के गुर्गे सफेद पोश नेताओं के टच में रह कर राणा की सुरक्षा व खबरें पहुंचाने का काम करते थें

वही दूसरी तरफ कुख्यात ड्रग्स तस्कर गैंग के लीडर राणा ने स्मगलिंग से उसने 25 करोड़ रुपए बनाए हैं और 90 एकड़ जमीन खरीदी है। पुलिस ने जो एफआईआर दर्ज की है और जो बयान राणा के सामने आया है वो और भी चुका देने वाले है कि किस तरीके से राणा ने जीरन सहित कई जगह अपने तस्कर साथियों के नाम जमीनें खरीदी है इसमें अब जांच का एक पहलू और सामने आ रहा है जिसमें जिस क्षैत्र में राणा ने जमीने खरीदी है उस क्षैत्र के पटवारी पर भी जांच के बादल मंडरा रहे है ।

जानकारी के अनुसार, कमल राणा ने मामा के लड़के भारत सिंह पिता गोविन्द सिह निवासी आकली थाना जीरन जिला नीमच के जरिये व्हाट्स अप कॉल से सम्पर्क मे रहा तथा भारत सिंह को अवैध मादक पदार्थों की तस्करी से प्राप्त होने वाले अवैध धन को स्थाई सम्पति यथा भूमि मे निवेष कर इसको देखभाल करने के लिये रखा हुआ है। इसी के साथ जीरन निवासी हस्तीमल सुथार को भी अपनी सम्पति की देखभाल एवं नाप जोख करवाने हेतु रखा हुआ है। हस्तीमल सुथार जिसकी जीरन मे गणेष मन्दिर के पास वेल्डिग की दुकान है, हस्तीमल सुथार विवादित भुमि या प्लाट कमलसिंह राणा को दिखाता हैं एवं सौदे बाजी करवाता है जिसमे कमल सिंह राणा के डर से कोई पार्टी सामने नहीं आती जिससे कमल सिंह राणा के नाम से हस्तीमल सुथार व भारत सिंह उक्त प्रोपर्टी पर कब्जा प्राप्त कर लेते है। हस्तीमल सुथार समस समय पर व्हाट्स अप कॉल के जरिये कमल सिंह राणा से वार्ता की हुई हैं। उक्त दोनो सहयोगियो को कमल सिंह राणा जब भी नया मोबाईल फोन नम्बर चालु करता तब अपने नये नम्बर के बारे मे एक विषेष कोड (ऊॅं) व टेलिफोन के निशान का सिम्बल भेजकर अपने सहयोगियो को बताता था ।

सूत्रों की माने तो हस्तीमल सुथार व भारत सिंह के साथ पुलिस को जमीन हेराफेरी करने में कुछ पटवारियों के नाम भी सामने आये है जिस पर पुलिस जांच कर रही है साथ ही माना जा रहा है जमीन खरीद फरोख्त को लेकर जयपुर क्राइम ब्रॉच इस मामल में पटवारी से पूछताछ कर सकती है अभी कमल राणा ने इनके नाम जमीने खरीदी है जिसमें 15 बीघा कृषी भूमि, चैनराम आंजना निवासी अचलपुरा के नाम पर पुलिस थाना जीरन जिला नीमच मध्यप्रदेश के नाम से खरीदी गई जिसकी किमत 4 करोड, 2 बीघा कृषि भुमि, कानजी पाटीदार निवासी देव डूंगरी बरखेड़ा मल्हारगढ़ के नाम पर पुलिस थाना जीरण जिला नीमच मध्यप्रदेश के नाम से खरीदी गई जिसकी किमत 1 करोड़, 2 बीघा कृषि भुमि, दशरथ सिंह निवासी केरी के भाई वीपी सिंह के नाम पर चिताखेड़ा गांव मे नाम से खरीदी गई जिसकी किमत 1 करोड़ , 01 प्लाट उदयपुर मे रिश्तेदार गोविन्द सिंह निवासी कामलिया के नाम पर। ढींकली पंचायत तहसील गिर्वा उदयपुर 50 लाख रूपये, 3 बीघा कृषि भुमि, भाई मनोहर सिंह के नाम पर है। मुम्बई सफेमा कोर्ट मे प्रकरण संपति अटैच की हुई है। खेताखेड़ा थाना जीरण मे हाईवे पर 50 लाख रूपये, 3 बीघा कृषि भुमि, सुनील धर्मा के नाम पर यह जीतु का आदमी है निवासी जवासिया का है। मन्दसौर मे मण्डी के पास स्थित है जिसका कैस इन्दौर हाईकोर्ट मे नामांतरण का केस चल रहा है। 1 करोड़़ रूपये 7 01 मकान पत्नी गंगा देवासी के नाम पर बाली मे है। रामदेव कॉलोनी रेबारियों की ढाणी बाली जिला पाली 50 लाख कमल सिंह राणा की पुछताछ अनुसार उसके द्वारा मादक पदार्थ तस्करी से प्राप्त अघोषित आय से क्रय की गई

2016 तक 25 करोड़ रुपए कमाए, 90 एकड़ जमीन खरीदी

कमल राणा 16 साल की उम्र में इस गोरखधंधे में उतर गया था। 2016 में एमपी की नीमच पुलिस ने उसे दबोचा था। तब उसने खुलासा किया था कि स्मगलिंग से उसने 25 करोड़ रुपए बनाए हैं और 90 एकड़ जमीन खरीदी है। तब उसने बताया था कि पढ़ाई छोड़ने के बाद वह किसी काम की तलाश में था। इसी दौरान वह अफीम और डोडा चूरा के अवैध धंधे में लिप्त रिश्तेदार से जुड़ गया। शुरुआत में उसने इस धंधे की बारीकी सीखी। इसके बाद खुद का काम शुरू कर दिया और अपना नेटवर्क फैलाता गया। उसके नेटवर्क में नीमच निवासी उसका मौसेरा भाई भरत सिंह बराबर का सहयोगी बना रहा। 2004 में ड्रग्स स्मगलिंग में कदम रखने वाला कमल महज 19 साल में इस धंधे का बेताज बादशाह बन चुका है।
नीमच से कमलेश सारडा की रिपोर्ट


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मुझे अपने आप पर गर्व है कि में एक पत्रकार हूँ। क्योंकि पत्रकार होना अपने आप में कलाकार, चिंतक, लेखक या जन-हित में काम करने वाले वकील जैसा होता है। पत्रकार कोई कारोबारी, व्यापारी या राजनेता नहीं होता है वह व्यापक जनता की भलाई के सरोकारों से संचालित होता है।वहीं हेनरी ल्यूस ने कहा है कि “मैं जर्नलिस्ट बना ताकि दुनिया के दिल के अधिक करीब रहूं।”

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