नीमच, कमलेश सारडा । नीमच (Neemuch) जिले में सिंगोली (Singoli) क्षेत्र में आदिवासी कन्हैया लाल हत्याकांड (Tribal Kanhaiya Lal murder case) के बाद रविवार को आदिवासियों का सम्मेलन आयोजित किया गया। जिसमें पूरे मध्यप्रदेश (MP) के आदिवासी लोग इकट्ठा हुए कन्हैया भील की मौत की जांच के कारणों का पता लगाने तथा गरीब परिवार को एक करोड़ के मुआवजा राशि देने और उसके परिवार के बच्चे को सरकारी नौकरी लगाने संबंधी अपनी मांग रखी। बतादें कि बीते दिनों हुए आदिवासी युवक की बर्बर हत्या के विरोध में रविवार को आदिवासी एवं अनुसूचित जाति वर्ग द्वारा अब तक का सबसे बड़ा विरोध प्रदर्शन हुआ। हत्याकांड के मामले में अब तक पुलिस-प्रशासन द्वारा की गई कारवाई से समुदाय संतुष्ट नहीं है।
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विगत 26 सितम्बर को सिंगोली के समीप बाणदा आदिवासी युवक कन्हैयालाल उर्फ कन्हैया को चोरी की आशंका में भीड़ ने पहले जमकर पीटा फिर लोडिंग वाहन से बांधकर उसे घसीटा, युवक ने उपचार के दौरान दम तोड़ दिया था। इस मामले में पुलिस ने 8 लोगों को गिरफ्तार कर लिया, उनके अवैध निर्माण भी ध्वस्त किये। बाद में भाजपा के आलावा कांग्रेस के नेताओं ने बाणदा पहुंचकर पीड़ित परिवार को सांत्वना दी। कांग्रेस नेताओं ने सरकार पर खूब हमले किये। इस बीच आदिवासी संगठन जयस ने इस मुद्दे पर बड़ा प्रदर्शन करने का ऐलान कर दिया। प्रशासन ने उन्हें अनुमति नहीं दी फिर भी रविवार को भारी संख्या में प्रदर्शनकारी नीमच में एकत्रित हो गये।
शनिवार रात से आदिवासी भील मुक्ति मोर्चा, जयस, अन्य आदिवासी संगठनों, भीम आर्मी सहित विभिन्न संगठनों के कार्यकर्ताओं के आने का सिलसिला शुरू हो गया था। प्रशासन ने उन्हे रोकने के लिये मोर्चाबंदी की लेकिन कामयाबी नहीं मिली। शहर से 4 किमी दूर नई कृषि उपज मंडी परिसर में एकत्रित प्रदर्शनकारियों ने जमकर सरकार के खिलाफ नारेबाजी की। आदिवासी नेताओं और अनुसूचित वर्ग के नेताओं ने सरकार को जमकर आड़े हाथों लिया। उन्होने कन्हैया की हत्या की विस्तृत जांच करने, हत्याकांड में शामिल सभी दोषियों को फांसी देने, पीड़ित परिवार को 2 करोड़ रुपए मुआवजा, मृतक के परिवार के सदस्य को सरकारी नौकरी, मृतक के पुत्र की उच्च शिक्षा तक की निशुल्क व्यवस्था की मांगें रखी।