Tomato Price Hike : देशभर में टमाटर के दामों ने जो रफ्तार पकड़ी, उससे आम आदमी का स्वाद बिगड़ गया। टमाटर खरीदना जेब के बस से बाहर होता जा रहा है। ऐसे में नीमच भी फिलहाल लोगों को राहत मिलती नजर नहीं आ रही है। बारिश के कारण उत्पादक केंद्रों से आपूर्ति बाधित होने के कारण क्षेत्र में टमाटर की खुदरा कीमतें 140 रुपये प्रति किलोग्राम तक बढ़ गई हैं। सबसे बड़ी थोक फल और सब्जी मंडी मंडी में टमाटर की थोक कीमतें सोमवार को गुणवत्ता के आधार पर 60-120 रुपये प्रति किलोग्राम के बीच थी।
कीमतों में बढ़ोतरी क्यों?
बता दें कि रविवार को टमाटर 99 रुपये प्रति किलो बिक रहा था जबकि रिटेलर सोमवार को टमाटर हाइब्रिड की कीमत 140 रुपये प्रति किलोग्राम और बिगबास्केट 105-110 रुपये प्रति किलोग्राम बता रहा था। तो चलिए आपको बताते हैं कि टमाटर की कीमतों में बढ़ोतरी क्यों हो रही है। दरअसल, टमाटर की कीमतों में बढ़ोतरी प्रमुख उत्पादक केंद्रों से कम आपूर्ति के कारण हुई है। बारिश के कारण आपूर्ति बाधित है क्योंकि पड़ोसी राज्य हरियाणा, उत्तर प्रदेश और राजस्थान से आपूर्ति जल्दी खत्म हो गई।
पहाड़ी राज्य में भारी बारिश का दौर जारी है, जिससे कटाई और परिवहन प्रभावित हो रहा है। जिसके कारण व्यापारियों को महाराष्ट्र और कर्नाटक के उत्पादक केंद्रों से आपूर्ति नहीं मिल पा रही है क्योंकि बारिश के कारण वहां भी कीमत ऊंची चल रही है।
जिसे लेकर नीमच के झूलेलाल सब्जी विक्रेता ने कहा कि 25 किलो के एक टोकरे की कीमत 2,400 से 3,000 रुपये के बीच बताई गई है। उत्पादक केंद्रों पर प्रति किलो टमाटर का रेट 100-120 रुपये प्रति किलो है। व्यापारी इतनी ऊंची दरों पर सामान नहीं ला सकते।
कब सुधरेंगे हालात
इस सवाल का जवाब है कि अगले 15 दिनों में दक्षिणी राज्यों में बारिश की स्थिति में सुधार होने पर दिल्ली-एनसीआर क्षेत्र में टमाटर की आपूर्ति में सुधार होने की उम्मीद है, तब तक कीमत स्थिर रहेगी। बता दें कि न सिर्फ बल्कि देश के अन्य हिस्सों में भी टमाटर की कीमतें आसमान छू गई हैं। सरकार का कहना कि टमाटर की कीमत में वृद्धि एक ‘मौसमी’ समस्या है। इस समय आम तौर पर कीमतें ऊंची हैं और अगले 15 दिनों में ठीक हो जाने की संभावना जताई गई है।
नीमच से कमलेश सारडा की रिपोर्ट