कटघरे में प्रदेश का खाद्य नागरिक आपूर्ति विभाग, 32 करोड़ का राशन खा गया माफिया

Gaurav Sharma
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भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। मध्य प्रदेश के निवाड़ी जिले में राशन वितरण में बड़ा घोटाला सामने आया है। बताया जा रहा है कि 4 साल के भीतर राशन माफियाओं ने 32 करोङ रू का राशन ठिकाने लगा दिया। कलेक्टर ने इस मामले की उच्च स्तरीय जांच कराने के लिए खाद्य नागरिक आपूर्ति विभाग के प्रमुख सचिव को पत्र लिखा है।

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निवाड़ी के कलेक्टर नरेंद्र कुमार सूर्यवंशी द्वारा लिखे गए पत्र में प्रमुख सचिव खाद्य और नागरिक आपूर्ति से निवाड़ी जिले में संचालित शासकीय उचित मूल्य की दुकानों की पीओएस मशीन में प्रदर्शित स्टॉक की जांच कराने का निवेदन किया गया है। दरअसल कलेक्टर ने माह नवंबर 2021 में निवाड़ी जिले में स्थित ग्रामीण और नगरीय क्षेत्र की दुकानों के खाद्यान्न की जानकारी प्राप्त करने की कार्रवाई की थी और इस दौरान यह पाया कि पीओएस मशीन में प्रदर्शित स्टॉक की जानकारी और राशन की दुकानों में भौतिक रूप से मौजूद खाद्यान्न की जानकारी मेल नहीं खा रही है। यानि जिले की 158 उचित मूल्य की दुकानों पर खाद्यान्न की मात्रा निर्धारित स्टाफ से कम पाई गई जिसका रिकॉर्ड दुकानदारो के पास नहीं मिला। विक्रेताओं ने बताया कि जो खाता नहीं मिल रहा है उसका वितरण उन्होंने संदीप पांडे तत्कालीन कनिष्ठ आपूर्ति अधिकारी जिला निवाड़ी के कहने पर ऑफलाइन मोड़ से किया है। कलेक्टर ने अपनी जांच में यह भी पाया कि 158 दुकानों के विक्रेताओं के द्वारा गेहूं, चावल, मोटा अनाज, शक्कर, नमक और केरोसिन, जिसका मूल्य लगभग 32 करोङ रू है, की हेराफेरि पर की गई और यह सभी कार्रवाई जुलाई 2017 से 28 सितंबर 2021 तक की गई। इस दौरान कुछ प्रकरण भी बनाए गए लेकिन वे केवल औपचारिकता पूरी करने के लिए थे। कलेक्टर ने प्रमुख सचिव से इस पूरे मामले में वरिष्ठ अधिकारियों का एक दल गठित कर जांच करने का निवेदन किया है और उसके साथ ही साथ सभी दोषी अधिकारियों पर गंभीर कार्रवाई करने की भी गुजारिश की है। कलेक्टर ने यह भी लिखा है कि पीओएस मशीन के रिकॉर्ड के अनुसार जिले की दुकानों में पर्याप्त आवंटन दिख रहा है जबकि दुकानों में भौतिक रूप से खाद्यान्न उपलब्ध नहीं है।

कटघरे में प्रदेश का खाद्य नागरिक आपूर्ति विभाग, 32 करोड़ का राशन खा गया माफिया

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पत्रकारिता पेशा नहीं ज़िम्मेदारी है और जब बात ज़िम्मेदारी की होती है तब ईमानदारी और जवाबदारी से दूरी बनाना असंभव हो जाता है। एक पत्रकार की जवाबदारी समाज के लिए उतनी ही आवश्यक होती है जितनी परिवार के लिए क्यूंकि समाज का हर वर्ग हर शख्स पत्रकार पर आंख बंद कर उस तरह ही भरोसा करता है जितना एक परिवार का सदस्य करता है। पत्रकारिता मनुष्य को समाज के हर परिवेश हर घटनाक्रम से अवगत कराती है, यह इतनी व्यापक है कि जीवन का कोई भी पक्ष इससे अछूता नहीं है। यह समाज की विकृतियों का पर्दाफाश कर उन्हे नष्ट करने में हर वर्ग की मदद करती है।इसलिए पं. कमलापति त्रिपाठी ने लिखा है कि," ज्ञान और विज्ञान, दर्शन और साहित्य, कला और कारीगरी, राजनीति और अर्थनीति, समाजशास्त्र और इतिहास, संघर्ष तथा क्रांति, उत्थान और पतन, निर्माण और विनाश, प्रगति और दुर्गति के छोटे-बड़े प्रवाहों को प्रतिबिंबित करने में पत्रकारिता के समान दूसरा कौन सफल हो सकता है।

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