ग्वालियर, अतुल सक्सेना। जनता की सुरक्षा का दावा करने वाली पुलिस (Police) कितनी संजीदा है इसका एक उदाहरण मंगलवार को ग्वालियर (Gwalior News) में सामने आया। एसपी ऑफिस की जनसुनवाई में पहुंचे एक पुलिसकर्मी ने शिकायत की कि पुलिस उसकी ना तो सुनवाई कर रही है और ना ही मदद कर रही है। उसने आरोप लगाया कि उसने संदिग्ध आरोपियों के फुटेज भी पुलिस अधिकारियों को दे दिए फिर भी पुलिस कोई कार्रवाई नहीं कर रही।
ग्वालियर एसपी (Gwalior Police ) की जनसुनवाई ने पहुंचा जोगेंद्र सिंह मुरैना एसपी ऑफिस में पदस्थ है। उसने पिताजी और अन्य परिजनों के साथ पहुंचकर शिकायती आवेदन दिया कि महाराजपुरा थाने के टीआई उसकी सुनवाई नहीं कर रहे। जबकि उसने उसके पिताजी के साथ हुई मारपीट और ट्रैक्टर लूट की घटना के संदिग्धों के फुटेज भी टीआई को दिए है फिर भी वे आरोपियों के खिलाफ एक्शन नहीं ले रहे।
फरियादी जोगेंद्र सिंह ने बताया कि 22 नवंबर को दिन में 11:30 बजे उसके पिताजी गिट्टी भरने गए थे जैसे ही वे लक्ष्मणगढ़ से पांच किलोमीटर आगे हाइवे पर पहुंचे पांच लोगों ने उन्हें घेर लिया और ट्रैक्टर रोक लिया। आरोपियों ने पिताजी नरोत्तम सिंह के साथ मारपीट की और तीन बदमाश ट्रैक्टर लूट कर भाग गए। उनके साथ अपाचे बाइक से आये दो बदमाशों ने पिताजी के हाथ पैर बंधे और दो घंटे तक झाड़ियों में बंधक बनाये रखा, फिर भाग गए।
पुलिसकर्मी जोगेंद्र सिंह ने बताया कि उसने घटना की शिकायत महाराजपुरा थाने में की लेकिन पुलिस ने इसे गंभीरता से नहीं लिया, हमने कुछ फुटेज भी पुलिस को दिए संदिग्धों के नाम बताये एक संदिग्ध को पहचाना भी उसका नाम बताय ऑफर भी टीआई महाराजपुरा ने कोई एक्शन नहीं लिया। पुलिस बस संदिग्धों को थाने बुलाकर पूछताछ कर वापस लौटा रही है।
उधर एडिशनल एसपी सतेंद्र सिंह तोमर ने इस मामले में कहा कि ये उनकी सोच है। पुलिस अपना काम कर रही है। मामला गंभीर हैं लूट का प्रकरण है। पुलिस इस मामले में अपन स्तर पर कार्रवाई कर रही है।
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Atul Saxena
पत्रकारिता मेरे लिए एक मिशन है, हालाँकि आज की पत्रकारिता ना ब्रह्माण्ड के पहले पत्रकार देवर्षि नारद वाली है और ना ही गणेश शंकर विद्यार्थी वाली, फिर भी मेरा ऐसा मानना है कि यदि खबर को सिर्फ खबर ही रहने दिया जाये तो ये ही सही अर्थों में पत्रकारिता है और मैं इसी मिशन पर पिछले तीन दशकों से ज्यादा समय से लगा हुआ हूँ....
पत्रकारिता के इस भौतिकवादी युग में मेरे जीवन में कई उतार चढ़ाव आये, बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ा लेकिन इसके बाद भी ना मैं डरा और ना ही अपने रास्ते से हटा ....पत्रकारिता मेरे जीवन का वो हिस्सा है जिसमें सच्ची और सही ख़बरें मेरी पहचान हैं ....